Move to Jagran APP

देवरिया में अस्पतालों में जांच के दौरान खुल रही पोल, सामने आ रहा फर्जीवाड़ा

विरोध में एंबुलेस चालकों ने डीएम व उच्चाधिकारियों को पत्रक भी सौंपा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 01:27 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 01:27 AM (IST)
देवरिया में अस्पतालों में जांच के दौरान खुल रही पोल, सामने आ रहा फर्जीवाड़ा
देवरिया में अस्पतालों में जांच के दौरान खुल रही पोल, सामने आ रहा फर्जीवाड़ा

देवरिया में अस्पतालों में जांच के दौरान खुल रही पोल, सामने आ रहा फर्जीवाड़ा

loksabha election banner

देवरिया: जिले में सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा 102 एंबुलेंस से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले आने और प्रसूताओं को घर छोड़ने के मामले में फर्जीवाड़ा किया गया है। जांच में फर्जीवाड़ा का पोल परत दर परत खुल रहा है। शासन के संज्ञान लेने के बाद सीएमओ के निर्देश पर सभी सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी जांच में जुटे हैं। जिसमें अभी 45 प्रतिशत से अधिक फर्जीवाड़ा की बात सामने आ रही है। हालांकि अभी किसी भी सीएचसी व पीएचसी प्रभारी ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय को नहीं सौंपी है। केस नहीं बढ़ाने पर ईएमटी को कर दिया था बर्खास्त बीते मार्च माह में सेवा प्रदाता कंपनी के एक अधिकारी ने फोन कर लार में तैनाम ईएमटी को केस बढ़ाने को कहा। लार में तैनात ईएमटी ने 23 गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया था। ऐसे में 10 मिनट के अंदर दो केस और करने के लिए सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारी ने दबाव बनाया। ईएमटी ने मना किया तो विवाद हो गया और अधिकारी ने उसका ट्रांसफर सोनभद्र कर दिया और वहां से बर्खास्त कर दिया। इसके विरोध में एंबुलेस चालकों ने डीएम व उच्चाधिकारियों को पत्रक भी सौंपा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डीएम ने जांच के आदेश दिए लेकिन मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इन ब्लाक क्षेत्र की सीएचसी व पीएचसी में हुआ है सर्वाधिक फर्जीवाड़ा यू तो कोई भी ब्लाक स्तरीय सीएचसी व पीएचसी ऐसी नहीं है फर्जीवाड़ा से अछूती हो लेकिन जहां दूसरे मोबाइल नंबरों का फर्जी ढंग से प्रयोग कर भुगतान कराने की बात सामने आई है उसमें भाटपाररानी, रामपुरकारखाना, तरकुलवां, लार, बनकटा, भागलपुर, बघौचघाट क्षेत्र के अस्पताल प्रमुख हैं। तीन माह के ट्रिप का किया जा रहा सत्यापन 102 एंबुलेंस से तीन माह फरवरी, मार्च व अप्रैल माह में पहुंचाई गई गर्भवती व प्रसूता के आंकड़ों का सत्यापन किया जा रहा है। इसमें मोबाइल नंबर व आधार कार्ड के आधार पर भरे गए फार्म का मिला किया जा रहा है। जिसमें कई मोबाइल नंबर व आधार कार्ड फर्जी ढंग से प्रयोग करने की बात सामने आई है। 102 एंबुलेंस से गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने में प्रथम दृष्टया फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले की सभी सीएचसी व पीएचसी से जांच रिपोर्ट आ जाए तब वास्तविक तस्वीर पूरी तरह से साफ हो सकेगी। सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा गया है। डा. आलोक पांडेय, सीएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.