मेडिकल कालेज पहुंची नीति आयोग की टीम, खंगाले अभिलेख Basti News
नीति आयोग की टीम जब बस्ती मेडिकल कॉलेज पहुंची तो विभग में खलबली मच गई। टीम ने दस्तावेजों की जांच की और खामियों को पकड़ा।
By Edited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 10:42 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 05:38 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जिले में पहले ओपेक चिकित्सालय कैली अब महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज। मेडिकल कालेज में नीति आयोग की टीम पहुंची। टीम ने यहां वर्ष 2017-18 में मेडिकल कालेज में हुए कार्यों से जुड़े अभिलेख खंगाला। टीम ने रिपोर्ट के साथ भवन की अद्यतन फोटो शासन को भेजी।
दवा और उपकरण खरीद पर हुए व्यय से जुड़े बिल बाउचर का मिलान भी किया। नीति आयोग की टीम के डा. आशुतोष कुमार शर्मा सुबह मेडिकल कालेज खुलते ही पहुंच गए। सबसे पहले वह प्रधानाचार्य कक्ष में गए। वहां कार्यों के बारे में पूरी जानकारी ली। बाद में फार्मासिस्ट, लिपिक और अन्य पटल के अधीक्षकों से फाइल तलब कर पूर्व में व्यय की गई धनराशि का ब्योरा देखा और अभिलेखीय सत्यापन किया।
उपकरणों और दवाओं की खरीदारी में बिल और बाउचर में अंतर दिखने पर आगे की पूछताछ के लिए मोबाइल में फोटो लेकर संबंधित अभिलेख शासन की वेबसाइट पर तुरंत अपलोड कर दिया। ताकि बाद में इसमें हेरफेर की कोई संभावना न रहे।
टीम की इस जांच के बाद पूरे महकमे में अफरा-तफरी की स्थिति रही। डा. आशुतोष कुमार शर्मा ने बताया टीम के सदस्य पूर्व में हुए निर्माण कार्य से लेकर खरीदारी तक की जांच की जा रही है। अभिलेखीय सत्यापन किया जा रहा है। जांच में क्या मिला इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती। टीम पूरी रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेगी। टीम ने परिसर और वार्डों में उपलब्ध सेवाओं को भी देखा। इस दौरान प्रधानाचार्य डा. नवनीत कुमार, प्रोफेसर डा. अनिल कुमार यादव, एनएचएम के प्रबंधक राकेश पांडेय, डा. स्वराज शर्मा, नेत्र परीक्षण अधिकारी स्वामीनाथ गुप्ता मौजूद रहे।
दवा और उपकरण खरीद पर हुए व्यय से जुड़े बिल बाउचर का मिलान भी किया। नीति आयोग की टीम के डा. आशुतोष कुमार शर्मा सुबह मेडिकल कालेज खुलते ही पहुंच गए। सबसे पहले वह प्रधानाचार्य कक्ष में गए। वहां कार्यों के बारे में पूरी जानकारी ली। बाद में फार्मासिस्ट, लिपिक और अन्य पटल के अधीक्षकों से फाइल तलब कर पूर्व में व्यय की गई धनराशि का ब्योरा देखा और अभिलेखीय सत्यापन किया।
उपकरणों और दवाओं की खरीदारी में बिल और बाउचर में अंतर दिखने पर आगे की पूछताछ के लिए मोबाइल में फोटो लेकर संबंधित अभिलेख शासन की वेबसाइट पर तुरंत अपलोड कर दिया। ताकि बाद में इसमें हेरफेर की कोई संभावना न रहे।
टीम की इस जांच के बाद पूरे महकमे में अफरा-तफरी की स्थिति रही। डा. आशुतोष कुमार शर्मा ने बताया टीम के सदस्य पूर्व में हुए निर्माण कार्य से लेकर खरीदारी तक की जांच की जा रही है। अभिलेखीय सत्यापन किया जा रहा है। जांच में क्या मिला इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती। टीम पूरी रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेगी। टीम ने परिसर और वार्डों में उपलब्ध सेवाओं को भी देखा। इस दौरान प्रधानाचार्य डा. नवनीत कुमार, प्रोफेसर डा. अनिल कुमार यादव, एनएचएम के प्रबंधक राकेश पांडेय, डा. स्वराज शर्मा, नेत्र परीक्षण अधिकारी स्वामीनाथ गुप्ता मौजूद रहे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें