विदेश भेजने के नाम पर धोखाधडी करने वालों शिकंजा कसने के लिए रविवार को पुलिस लगाएगी चौपाल
कबूतर बाजों को पकड़ने के लिए गठित हुई टीम ईगल ने अपनी छानबीन तेज कर दी है।जिसमें पता चला कि गोरखपुर में कार्यालय चलाने वाले एजेंटों ने देवरिया कुशीनगर महराजगंज संतकबीरनगर बस्ती सिद्वार्थनगर के अलावा बिहार के रहने वाले युवकों से भी ठगी की है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कबूतर बाजों को पकड़ने के लिए गठित हुई टीम ईगल ने अपनी छानबीन तेज कर दी है।जिसमें पता चला कि गोरखपुर में कार्यालय चलाने वाले एजेंटों ने देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्वार्थनगर के अलावा बिहार के रहने वाले युवकों से भी ठगी की है।गोरखपुर में फैले कबूतरबाजी के इस गोरखधंधे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए 28 नवंबर को पुलिस लाइन में चौपाल लगेगी।जिसमें ठगी के शिकार हुए लोगों को बुलाया गया है।सबकी बात सुनने के बाद जिले में सक्रिय गिरोह को चिन्हित कर पुलिस कार्रवाई करेगी।
पुलिस लाइन में लगेगी चौपाल
28 नवंबर की सुबह 11 बजे पुलिस लाइन में लगने वाली चौपाल में एसएसपी डा. विपिन ताडा के साथ टीम ईगल के प्रभारी एसपी सिटी सोनम कुमार, टीम में शामिल एएसपी/सीओ बांसगांव राहुल भाटी, सीओ कैंट श्यामदेव बिंद मौजूद रहेंगे।चौपाल में आने वाले पीडि़त का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया गया जाएगा।टीम ईगल के सदस्य पीडि़त का बयान लेकर यह जानेंगे कि ठगी किसने की, वह कहां का रहने वाला है, कितने दिन से यह काम कर रहा है।
ठगी के शिकार हुए लोग दर्ज करा सकेंगे शिकायत
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस लाइन में चौपाल लगने की जानकारी जिले के सभी थानेदारों को दी गई।सबसे कहा गया है कि पीडि़त को चौपाल में भेजने के साथ ही पांच साल के भीतर दर्ज हुए मामले की जानकारी उपलब्ध करा दें।जिससे भी ठगी हुई है वह चौपाल में आकर शिकायत दर्ज कराए।आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
एक साल में दर्ज हुए 40 से अधिक मामले
विदेश भेजने के नाम पर ठगी की कई घटना सामने आने के बाद भी बेरोजगार युवक एजेंटों के झांसे में फंस जाते हैं।बीते एक साल में गोरखपुर पुलिस के सामने 40 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हुई है।
हर माह आते हैं औसतन चार मामले
विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने के हर माह औसतन चार मामले पुलिस के पास आते हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल में कबूतरबाजी एक व्यवसाय बन गई है, जिसके माध्यम से बेरोजगारों से लाखों की रकम लेकर ऐजेंट टूरिस्ट वीजा पर विदेश भेज देते हैं। जिसकी जानकारी वहां पहुंचने पर होती है।