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डाक्‍टर का पुराना पर्चा लेकर बाजार में घूम रहे थे, पुलिस ने लगाया जुर्माना Gorakhpur News

गोरखपुर में लॉकडाउन के समय कुछ युवक फालतू में घूूूूूमने के लिए डाक्‍टर का पुराना पर्चा लेकर बाजार पहुंच गए। पुलिस ने इन पर भारी जुर्माना लगाया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 09:56 AM (IST)
डाक्‍टर का पुराना पर्चा लेकर बाजार में घूम रहे थे, पुलिस ने लगाया जुर्माना Gorakhpur News
डाक्‍टर का पुराना पर्चा लेकर बाजार में घूम रहे थे, पुलिस ने लगाया जुर्माना Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। डॉक्टर का पुराना पर्चा लेकर घूमने निकले युवाओं के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की। रोस्टर के विपरीत खुली दो दुकानों को भी सील कराया गया। डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन और नायब तहसीलदार सदर राधेश्याम ने शहर में बिना वजह घूम रहे युवाओं से पूछताछ की। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि कई युवा ऐसे मिले, जिनसे घूमने का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि वह दवा खरीदने जा रहे हैं। डॉक्टर का पर्चा दिखाने के लिए बोला गया तो वह कई साल पुराना पर्चा दिखाने लगे। जांच में कई लोग बिना मास्क के भी मिले। रोस्टर के विपरीत खुले हिमालय मेंस पार्लर कंचन कांप्लेक्स कूड़ाघाट और वैष्णवी गारमेंट मोहद्दीपुर को सील कर दिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि मास्क न लगाने और बिना कारण घूम रहे 22 लोगों का चालान करते हुए 2900 रुपये जमा कराए गए।

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कोरोना ने जगा दी संवेदना,अब करेंगे औरों की मदद

कोरोना से जंग जीतकर लौटे बसंतपुर निवासी संजीव बरनवाल अब अपनी तकलीफ भूल चुके हैैं। कोरोना ने उनकी संवेदना को जगा दिया है। अब उन्होंने कोरोना मरीजों की मदद का संकल्प लिया है। कोरोना संक्रमित होने के बाद से वार्ड में भर्ती होने तक उनके बहुत सारे खट्टे-मीठे अनुभव हैं। बशारतपुर के संदीप मिश्रा भी उसी वार्ड में रहे। दोनों ने अपने अनुभव जागरण से साझा किए। संक्रमित होने के बाद जब संजीव को लेने एंबुलेंस आई, तो मोहल्ले के लोग उन्हें ऐसे देख रहे थे, जैसे वह कोई नामी बदमाश हों। कोरोना वार्ड का अनुभव शुरुआत में बहुत ठीक नहीं था, लेकिन उन्होंने देखा कि मरीज उसी व्यवस्था में संतुष्ट हैं और एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं, तो उनकी भी संवेदना जगी। व्यवस्था की कमियां भूल गए और लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। कहते हैं कि मेरे सामने एक मरीज की जान बचाने की डॉक्टरों ने पुरजोर कोशिश की। डॉक्टरों का जज्बा देख मेरे भीतर अपना प्रयास ईमानदारी से करने का भाव जगा। संदीप मिश्रा ने बताया कि वहां डॉक्टर से लेकर नर्स तक सबका सहयोग बहुत अ'छा रहा। नियमित जांच व खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था। 


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