पिपराइच क्षेत्र से जुड़े हैं कैश वैन लूटकांड के तार, पुलिस को मिले अहम सुराग
कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र में हुए कैश वैन लूटकांड के तार जुडने लगे हैं
By Edited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 10:45 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र में हुए कैश वैन लूटकांड के तार गोरखपुर जिले के पिपराइच क्षेत्र से जुड़े हो सकते हैं। कुशीनगर पुलिस, पिपराइच क्षेत्र के एक गांव के तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। लुटेरों तक पहुंचने के लिए विभिन्न स्थानों से 15 सीसी टीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में ली गई है। इसकी मदद से भी संदिग्धों की पहचान का प्रयास चल रहा है।
पिपराइच क्षेत्र के युवकों के अलावा कुछ अन्य लोग भी हिरासत में भी लिए गए हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। रेडिएंट कंपनी के कर्मचारी 10 दिसंबर को गोरखपुर में विभिन्न स्थानों से रुपये एकत्र कर कुशीनगर जिले में हाटा कोतवाली क्षेत्र के एक बैंक में जमा करने जा रहे थे। रास्ते में हाटा क्षेत्र में बखराबाद गांव के पास दो बाइक और एक बोलेरो में सवार होकर आए छह लुटेरों ने कैश वैन को रोक कर 1.50 करोड़ रुपये लूट लिए थे। ओवरटेक करते समय चालक पर गोली चलाकर बदमाशों ने कैश वैन रुकवाई थी और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए।
हालांकि बाद में पुलिस के पहुंचने पर कैश वैन के चालक और कैशियर ने अलग-अलग घटनाक्रम बताया था। यहीं नहीं आसपास के लोगों ने गोली चलने की भी पुष्टि नहीं की। इसी वजह से लूटकांड को लेकर उसी समय पुलिस को कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह हो गया था। कायम है कर्मचारियों पर संदेह : लूट के समय कैश वैन में चालक और कैशियर भर थे। गार्ड और एक अन्य कर्मचारी को उन्होंने गोरखपुर में ही उतर दिया था। पुलिस शुरू से ही इस लूटकांड के पीछे कैश वैन के कर्मचारियों के साथ ही साथ जिन फर्मो से रुपये की वसूली की गई थी, उनके कर्मचारियों पर भी संदेह करती आ रही है।
इसी आधार पर कर्मचारियों के मोबाइल फोन का काल डिटेल और टावर लोकेशन का विश्लेषण चल रहा है। घटना के करीब एक सप्ताह बाद भी कैश वैन और फर्मो के कर्मचारियों पर पुलिस का संदेह कायम है। फुटेज से सामने आया संदिग्धों का चेहरा : लुटेरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही पुलिस ने कुशीनगर और गोरखपुर के बीच विभिन्न स्थानों पर दुकानों और टोल प्लाजा पर लगे 15 सीसी टीवी कैमरों का फुटेज एकत्र किया है।
फुटेज देखकर कुछ संदिग्धों को चिह्नित किया गया है। उनके मोबाइल फोन और टावर लोकेशन निकालकर पुलिस घटना के दिन उनकी मौजूदगी के बारे में पता लगा रही है। मोबाइल फोन काल डिटेल और टावर लोकेशन के आधार पर ही पिपराइच क्षेत्र के एक गांव से संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
पिपराइच क्षेत्र के युवकों के अलावा कुछ अन्य लोग भी हिरासत में भी लिए गए हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। रेडिएंट कंपनी के कर्मचारी 10 दिसंबर को गोरखपुर में विभिन्न स्थानों से रुपये एकत्र कर कुशीनगर जिले में हाटा कोतवाली क्षेत्र के एक बैंक में जमा करने जा रहे थे। रास्ते में हाटा क्षेत्र में बखराबाद गांव के पास दो बाइक और एक बोलेरो में सवार होकर आए छह लुटेरों ने कैश वैन को रोक कर 1.50 करोड़ रुपये लूट लिए थे। ओवरटेक करते समय चालक पर गोली चलाकर बदमाशों ने कैश वैन रुकवाई थी और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए।
हालांकि बाद में पुलिस के पहुंचने पर कैश वैन के चालक और कैशियर ने अलग-अलग घटनाक्रम बताया था। यहीं नहीं आसपास के लोगों ने गोली चलने की भी पुष्टि नहीं की। इसी वजह से लूटकांड को लेकर उसी समय पुलिस को कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह हो गया था। कायम है कर्मचारियों पर संदेह : लूट के समय कैश वैन में चालक और कैशियर भर थे। गार्ड और एक अन्य कर्मचारी को उन्होंने गोरखपुर में ही उतर दिया था। पुलिस शुरू से ही इस लूटकांड के पीछे कैश वैन के कर्मचारियों के साथ ही साथ जिन फर्मो से रुपये की वसूली की गई थी, उनके कर्मचारियों पर भी संदेह करती आ रही है।
इसी आधार पर कर्मचारियों के मोबाइल फोन का काल डिटेल और टावर लोकेशन का विश्लेषण चल रहा है। घटना के करीब एक सप्ताह बाद भी कैश वैन और फर्मो के कर्मचारियों पर पुलिस का संदेह कायम है। फुटेज से सामने आया संदिग्धों का चेहरा : लुटेरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही पुलिस ने कुशीनगर और गोरखपुर के बीच विभिन्न स्थानों पर दुकानों और टोल प्लाजा पर लगे 15 सीसी टीवी कैमरों का फुटेज एकत्र किया है।
फुटेज देखकर कुछ संदिग्धों को चिह्नित किया गया है। उनके मोबाइल फोन और टावर लोकेशन निकालकर पुलिस घटना के दिन उनकी मौजूदगी के बारे में पता लगा रही है। मोबाइल फोन काल डिटेल और टावर लोकेशन के आधार पर ही पिपराइच क्षेत्र के एक गांव से संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
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