अब गवाहों को सहेजने में जुटी पुलिस
गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत प्रकरण में प्राचार्य डा. राजीव मिश्रा अ
गोरखपुर :
बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत प्रकरण में प्राचार्य डा. राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को गवाहों के बयान पर कायम रहने की चिंता सताने लगी है। उन्होंने गवाहों को सहेजना शुरू कर दिए हैं। पुलिस इस कोशिश में भी जुटी है कि इन गवाहों पर टूटने के लिए कोई बाहरी दबाव न बनने पाए। इसके मद्देनजर गवाहों के नाम बेहद गोपनीय रखे जा रहे हैं। गोपनीयता की बानगी गुरुवार को प्राचार्य और उनकी पत्नी की कोर्ट पेशी के दौरान भी देखने को मिली। जब अभियोजन टीम ने रिमांड बनवाने के लिए गवाहों के नाम मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद तत्काल उसे हटा लिया। इसे लेकर जब शपथ पत्र देने वाले कुछ गवाहों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले कैंट पुलिस ने उन्हें बुलाकर बयान पर कायम रहने की बात कही थी। सिर्फ इतना ही नहीं, पुलिस ने उन्हें शपथ पत्र में दिए गए बयान को बदलने से होने वाली न्यायिक दिक्कतों का भय भी दिखाया था। हालांकि शपथ पत्र देने वाले गवाहों का यह भी कहना है कि पुलिस दबाव बनाए या न बनाए, वह बयान से मुकरने वाले नहीं हैं। उनका बयान पुख्ता है। उन्होंने अपने शपथ पत्र में वही बातें लिखी हैं, जिन्हें प्राचार्य के कार्यकाल के दौरान भोगा है। ऐसे में उनके पीछे हटने का सवाल ही नहीं। लेकिन इन सबके बीच गवाहों की निगाहें इस पर भी लगी हुई हैं कि शपथ पत्र दिए गए बयान के काट में डा. पूर्णिमा का बयान क्या होता है। क्योंकि कहीं न कहीं इस मामले में लेनदेन की गुत्थी उलझी हुई है, जो जांच के दौरान ही सुलझेगी।
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