Move to Jagran APP

पुलिस की कार्यप्रणाली से ऊबे प्रशिक्षु दारोगा ने फांसी लगाकर दे दी जान

पुलिस की कार्यप्रणाली से तारतम्‍य नहीं बना पाए शिव कुमार, लेक्‍चरर का साक्षात्‍कार देने के लिए एक सप्‍ताह के अवकाश पर गए थे। फांसी लगाकर दे दी जान।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 09:47 AM (IST)
पुलिस की कार्यप्रणाली से ऊबे प्रशिक्षु दारोगा ने फांसी लगाकर दे दी जान
पुलिस की कार्यप्रणाली से ऊबे प्रशिक्षु दारोगा ने फांसी लगाकर दे दी जान

गोरखपुर, (जेएनएन)। काम के भारी दबाव से आजिज आकर गोरखपुर के शाहपुर थाने में तैनात प्रशिक्षु दारोगा ने बुधवार की देर शाम अपने गृह जनपद सारनाथ के सुल्तानपुर स्थित आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी। मौके से मिले सुसाइड नोट में घटना के लिए मानसिक तनाव को जिम्मेदार माना गया है।

loksabha election banner

वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर निवासी शिवकुमार प्रजापति (32) 2016 में दारोगा बने। उनकी तैनाती 2017 से गोरखपुर में थी। वह गोरखपुर के शाहपुर थाने पर तैनात थे। किसी कॉलेज में प्रवक्ता पद के लिए उनका साक्षात्कार 15 सितंबर को था इसलिए पिछले सप्ताह भर से वह अवकाश पर थे। शाम के समय सामान्य परिस्थितियों में कमरे में गए और अंदर से दरवाजा बंद कर रस्सी के सहारे पंखे से लटककर जान दे दी।

पुलिस की कार्यप्रणाली से नहीं बिठा पा रहे थे तालमेल
शिव कुमार पुलिस की नौकरी में आ तो गए थे लेकिन महकमें की 24 घंटे की कार्यप्रणाली से वह तालमेल नहीं बिठा पा रहे थे। प्रशिक्षण के दौरान ही उन्होंने नौकरी छोडऩे का कई बार मन बनाया लेकिन परिजनों के दबाव की वजह से ऐसा नहीं कर सके। ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण पूरा होने पर फील्ड ट्रेनिंग के लिए एक सितंबर 2017 को गोरखपुर भेजे गए तो शाहपुर थाने में उनकी तैनाती हुई। शुरू से शिक्षक बनने की सोचने वाले शिव कुमार का मन यहां भी नहीं लग रहा था। एक तरफ पुलिस की नौकरी से विरक्ति तो दूसरी तरफ नौकरी न छोड़ने का परिजनों का दबाव। इससे उबर न पाने की वजह से ही शायद उन्होंने मौत को गले लगा लिया।

पढ़ाई में काफी तेज थे शिव कुमार
वाराणसी के सारनाथ थाना अंतर्गत सुल्तानपुर गांव के रहने वाले शिव कुमार 2016 बैच के दारोगा थे। उनके बैच की भर्ती प्रक्रिया पूरी तो वर्ष 2011 में ही हो गई थी, लेकिन मामला कोर्ट में चले जाने से उस समय प्रशिक्षण नहीं हो पाया था। कोर्ट का फैसला आने के बाद उनके बैच को वर्ष 2016 में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया। ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए उनको गोरखपुर भेजा गया।

शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होनहार शिव कुमार दोस्तों और परिजनों से अक्सर शिक्षक बनने की बात कहते थे। पुलिस विभाग में नौकरी करने के बारे में वह कभी सोचते ही नहीं थे। दारोगा की भर्ती निकलने पर साथ पढऩे वालों दोस्तों ने आवेदन करना शुरू किया तो देखादेखी उन्होंने भी फार्म भर दिया और परीक्षा उत्तीर्ण भी कर ली लेकिन नौकरी करना नहीं चाहते थे। दूसरी नौकरी मिलने पर पुलिस की नौकरी छोडऩे की बात परिवार के लोगों के समझाने पर ही वह प्रशिक्षण में गए थे।

जेआरएफ और नेट भी क्वालीफाई किया
शिक्षक बनने का रास्ता आसान बनाने के लिए शिव कुमार ने जेआरएफ और नेट भी क्वालीफाई किया था। इसके साथ ही बीएचयू से उन्होंने बीएड की पढ़ाई भी की थी। पुलिस की नौकरी में रहते हुए शिक्षक के लिए निकलने वाला कोई भी फार्म वह भरना नहीं भूलते थे। बिहार के एक कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के लिए उन्होंने आवेदन किया था। इंटरव्यू के लिए बुलावा आने पर चार सितंबर को 14 दिन का अवकाश लेकर घर गए थे। बुधवार को उन्होंने घर के कमरे में फांसी लगा लिया।

एक साल पहले हुई थी शादी
एक साल पहले जून 2017 में शिव कुमार की शादी हुई थी। पत्नी काफी पढ़ी-लिखी और व्यवहार कुशल थीं। शिव कुमार की मानसिक उलझन को देखते हुए परिवार के लोगों ने कुछ माह पहले ही पत्नी को गोरखपुर उनके पास पहुंचा दिया था। शाहपुर इलाके में ही किराये का कमरा लेकर रहते थे। अवकाश पर घर जाते समय पत्नी को भी साथ ले गए थे।

दोस्तों से सन्यास लेने की बात करते थे
शिव कुमार के साथी प्रशिक्षु दारोगाओं ने हमारे पादरी बाजार संवाददाता को बताया कि कुछ महीने से वह मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। जिसकी वजह से अवसाद में चले गए थे। दोस्त लगातार उन्हें अवसाद से उबारने का प्रयास कर रहे थे। उनके मुताबिक बातचीत में वह पुलिस की नौकरी की वजह से निजी जीवन में खड़ी हुई परेशानी की चर्चा करते हुए अक्सर सन्यास लेने की बात कहते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.