Gorakhpur Kidnapping and Murder Case: पुलिस ने आखिरी आरोपित को भी पकड़ा, ऐसे की थी छात्र की हत्या
गोरखपुर में छात्र का अपहरण के बाद हत्या के अंतिम आरोपित को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पिपराइच इलाके के जंगल छत्रधारी, मिश्रौलिया टोले से पांचवी के छात्र बलराम को अगवा कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने फरार चल रहे आखिरी आरोपित संदीप चौहान को भी गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से घटना में प्रयुक्त बाइक और छात्र का गला घोंटने में इस्तेमाल किया गया गमछा भी बरामद हुआ है। आरोपित की गिरफ्तारी पर एसएसपी डा. सुनील गुप्त ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
अपहरण और हत्या में शामिल थे 10 लोग
जंगल छत्रधारी गांव के ही मीरगंज टोला निवासी संदीप को पिपराइच कस्बे के पास से ही गिरफ्तार किया गया है। छात्र के अपहरण और हत्या में 10 आरोपित शामिल थे। पांच आरोपितों, पिपराइच क्षेत्र के ही जंगलधूषण महुआ टोला निवासी अजय गुप्त, भट्ठा चौराहा निवासी नितेश पासवान, हंसनगंज निवासी रिंकू गुप्त व दयानंद तथा जंगल छत्रधारी निवासी निखिल को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। चार अन्य आरोपितों पिपराइच क्षेत्र के ही लालगंज निवासी नितिन चौहान उर्फ मुन्ना, जंगल छत्रधारी निवासी अजय चौहान, मीरगंज निवासी अभिषेक और तिनकोनिया नंबर दो निवासी शिव कुमार को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
अजय गुप्त के कहने पर संदीप ने ही घोंटा था छात्र का गला
पिपराइच थानेदार अनिल उपाध्याय ने बताया कि संदीप ने ही गमछे से गला घोंटकर छात्र की हत्या की थी। पूछताछ में उसने बताया है कि मुख्य आरोपित दयाशंकर के साथ मिलकर छात्र के अपहरण का ताना-बाना बुनने वाले अजय गुप्त के धमकाने पर उसने छात्र का गला घोंटा था। महुआचाफी स्थित अजय गुप्त की दुकान में छात्र को रखा गया था। दुकान के अंदर से वह शोर मचाने लगा। अजय गुप्त ने संदीप को गमछे से छात्र का गला कसकर छात्र को चुप कराने के लिए कहा। ऐसा न करने पर अजय ने उसी को मार डालने की धमकी दी। धमकी से डरकर संदीप ने छात्र के गले में गमछा लपेट कर कस दिया। इसी दौरान दूसरे साथियों ने छात्र को बेहोशी की इंजेक्शन भी लगा दिया था। जिसकी वजह से बाद में उसकी मौत हो गई।
हुआ यह था
जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्त का पुत्र बलराम रविवार को दिन में 12 बजे खेलने निकला था। इसी दौरान उसे अगवा कर लिया गया था। तीन बजे अपहर्ताओं ने महाजन गुप्त को फोन कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। हालांकि बाद में अपहर्ता 20 लाख रुपये लेकर छात्र को छोडऩे के लिए तैयार हो गए थे। उन्होंने सोमवार की शाम सात बजे तक रुपयों का इंतजाम कर लेने और पुलिस को सूचना न देने की हिदायत दी थी। महाजन गुप्त ने रविवार को ही शाम पांच बजे के आसपास पुलिस को घटना की जानकारी दे दी। इसी बीच अपहर्ताओं ने बलराम की हत्या कर दी और शव को बोरे में भरकर जंगल तिनकोनिया नंबर दो के पास दरगाह नाले में फेंक दिया था। सोमवार को शव बरामद हुआ था।