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महराजगंज में पीएम आवास योजना में अपात्र पाए गए 14 हजार लोग

सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना 2011 की सूची से वंचित लाभार्थियों के लिए शासन ने आवास प्लस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करने का काम शुरू किया तो आवास पाने के लिए होड़ लग गई।

By Edited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 04:58 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:27 PM (IST)
महराजगंज में पीएम आवास योजना में अपात्र पाए गए 14 हजार लोग
प्रधान मंत्री आवास योजना की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास प्लस में पहले ही चरण में आवेदन करने वाले 14 हजार लोग सत्यापन में अपात्र पाए गए हैं। किसी के पास पक्का मकान है, तो किसी के पास अच्छी-खासी खेती है। बावजूद आवास के लिए दावेदारी की थी। जिसके कारण इनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है।

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आवास प्लस योजना के तहत शुरू हुआ रजिस्‍ट्रेशन

सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना 2011 की सूची से वंचित लाभार्थियों के लिए शासन ने आवास प्लस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करने का काम शुरू किया तो आवास पाने के लिए होड़ लग गई। लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत मोहनापुर की राजकुमारी, रमजान, परमिता, पूजा जैसे बड़ी संख्या में लोगों ने इसके लिए दावेदारी की, जिनके पास पहले से ही खुद का आवास था।

39523 लोगों ने कराया था रजिस्ट्रेशन

इस प्रकार जनपद में योजना के तहत 39523 लोगों ने आवास के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन जब सितंबर माह में ब्लाक और जिले स्तर के अधिकारियों से इसकी जांच कराई गई तो पोल खुलकर सामने आ गई। 14 हजार 132 लोग अपात्र पाए गए हैं। ब्लाक अपात्र बृजमनगंज 791 धानी 1306 घुघली 562 लक्ष्मीपुर 2767 महराजगंज 1 मिठौरा 7 नौतनवा 2561 निचलौल शून्य पनियरा 1700 परतावल 1140 फरेंदा 959 सिसवा 2338 आवास के लिए आवेदन करने वाले अपात्रों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है।

पात्र को आवास नहीं मिला तो जबावदेही बीडीओ की

जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राजकरन पाल का साफ-साफ कहना है कि नाम समझी के कारण बहुत से अपात्रों ने भी रजिस्‍ट्रेशन कराया था, पर वे सभी छांट दिए गए। पात्र लाभार्थियों के जॉबकार्ड मैप्ड (जॉबकार्ड नंबर आवास के वेबसाइट पर अंकित करना) कराने के लिए खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जॉबकार्ड मैप्ड न होने की दशा में अगर कोई पात्र लाभार्थी आवास से वंचित होगा, तो इसकी जवाबदेही खंड विकास अधिकारियों पर तय होगी।  


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