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प्रतिबंधित के बाद भी बन रहा था प्‍लास्टिक, सात फैक्ट्रियां सील Gorakhpur News

प्‍लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद भी प्‍लास्टिक बना रहीं सात फैक्ट्रियों को अधिकारियों ने सील कर दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 12:45 PM (IST)
प्रतिबंधित के बाद भी बन रहा था प्‍लास्टिक, सात फैक्ट्रियां सील Gorakhpur News
प्रतिबंधित के बाद भी बन रहा था प्‍लास्टिक, सात फैक्ट्रियां सील Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रशासन की ओर से प्रतिबंधित प्लास्टिक बनाने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस दौरान गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर प्रथमेश कुमार एवं सहजनवां सरनीत कौर ब्रोका ने छापेमारी की। इस दौरान प्लास्टिक बनाने वाली सात फैक्ट्रियों को सील किया गया। उद्यमियों का आरोप है कि कुछ ऐसी फैक्ट्रियों को भी सील किया गया है, जिनके उत्पाद प्रतिबंधित नहीं हैं।

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गीडा की कुछ फैक्ट्रियों में प्रतिबंधित प्लास्टिक तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण किया जा रहा था, जिसकी शिकायत अफसरों को मिली थी। बुधवार सुबह दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में छापा मारा गया। जांच के दौरान प्रतिबंधित प्लास्टिक का निर्माण, रॉ मैटेरियल, स्टोर किया गया प्लास्टिक मिला। बलिया व आजमगढ़ भेजने के लिए ट्रकों पर प्लास्टिक लदी थी। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अनुसार कुछ ऐसी फैक्ट्रियों को सील किया गया है, जिनके उत्पाद प्रतिबंधित नहीं हैं। इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सरनीत कौर ब्रोका का कहना है कि प्रपत्र दिखाने पर सील खोल दिया जाएगा।

इन फैक्ट्रियों को किया सील

एएस इंडस्ट्रीज, एनवी इंडस्ट्रीज, ऐलेना प्लास्टिक, कुसुम प्लास्टिक, एसएस प्लास्ट, फहद प्लास्टिक, एसडी इंटरनेशल प्रा. लिमिटेड।

बाहर से ताला, भोर में होता था निर्माण

सहजनवां : छापेमारी में यह बात सामने आई है कि पहले से सील की गई कुछ फैक्ट्रियों में बाहर से ताला बंद था और अंदर निर्माण कार्य चल रहा था। यहां आस-पास के गांवों की महिलाओं को बुलाकर सुबह चार बजे से नौ बजे तक प्लास्टिक का निर्माण कार्य कराया जाता था।

फैक्ट्री के सुपरवाइजर को पीटने का आरोप, मंडलायुक्त से मिले उद्यमी

गीडा में की गई कार्रवाई को लेकर चैंबर आफ इंडस्ट्रीज का प्रतिनिधिमंडल मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर से मिला। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि जिन फैक्ट्रियों के उत्पाद प्रतिबंधित नहीं हैं, उनपर कार्रवाई की जा रही है। उद्यमियों ने इसे गलत करार दिया। उपाध्यक्ष आरएन सिंह एवं महासचिव प्रवीण मोदी ने बताया कि उद्यमी प्रतिबंधित सामानों के खिलाफ हैं लेकिन जो सही हैं, उनपर अनावश्यक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। फैक्ट्री सील करने से गलत प्रभाव पड़ता है। उद्यमियों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनावश्यक रूप से एक फैक्ट्री के सुपरवाइजर अमरजीत को पीटा गया है। पीडि़त अमरजीत के अनुसार पहले उसके साथ दुव्र्यवहार किया गया फिर लाठी से पीटा गया। इस घटना से अन्य कर्मचारी आक्रोशित हैं। हालांकि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहजनवां ने इस आरोप को गलत बताया। फैक्ट्री के मालिक ओम बाबू अग्रहरि ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज कराई है।   


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