#पीएफ_घोटाला : गोरखपुर में 19 सौ कर्मियों का पीएफ हड़प गईं निजी फर्में
आउटसोर्सिंग पर तैनात 1900 कर्मचारियों के पीएफ व ईएसआईसी का पैसा उनके खाते में जमा नहीं कराया गया है जबकि इस मद में पैसे काटे गए थे।
गोरखपुर, जेएनएन। सफाई कर्मचारियों के पीएफ (भविष्य निधि) को हड़पने वाली फर्मों के खिलाफ नगर निगम सख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है। आउटसोर्सिंग पर तैनात 1900 कर्मचारियों के पीएफ व ईएसआईसी का पैसा उनके खाते में जमा नहीं कराया गया है, जबकि इस मद में पैसे काटे गए थे। सफाई कराने वाली फर्मों को नगर निगम ने नोटिस दिया था, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब निगम फर्मों के खिलाफ आरसी जारी करने की तैयारी कर रहा है।
नगर निगम ने पिछले वर्ष अगस्त में शहर के सभी 70 वार्डों में सफाई का जिम्मा विशाल प्रोडेक्शन फोर्स एवं ङ्क्षहदुस्तान सिक्योरिटी कंपनी को दिया था। दोनों कंपनियों ने कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआईसी फंड का पैसा उनके खाते में जमा नहीं कराया, जबकि इस मद में उसने पैसे काटे थे। दो माह पहले नगर निगम ने दोनों फर्मों से काम छीनकर उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया था तभी से दोनों फर्मों के जिम्मेदार लापता हैं।
फर्म और नगर निगम के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक कर्मचारियों का मानदेय आरटीजीएस के जरिये उनके खाते में भुगतान करना था। अधिकांश कर्मचारियों का पीएफ एकाउंट खोला ही नहीं गया। जिनके खुले हैं उनमें भी नियमित भुगतान नहीं किया गया। निगम ने अगस्त-18 से दिसंबर तक दोनों फर्मों को पीएफ ईएसआईसी के लिए 1.08 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। पीएफ अकाउंट में कर्मचारी के मानदेय का 12 फीसद व नियोक्ता की ओर से 13 फीसद भुगतान किया जाता है।
आरसी जारी होगी : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि दोनों फर्मों को नोटिस दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब आरसी जारी की जाएगी।
फर्मों ने नहीं दिया डाटा
सफाई का ठेका लेने वाली विशाल प्रोटेक्शन फोर्स एवं ङ्क्षहदुस्तान सिक्योरिटी कंपनी को कर्मचारियों का डाटा उपलब्ध करने का जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने निर्देश दिया था। फर्मों को कर्मचारियों के डिटेल के अलावा आरटीजीएस, पीएफ तथा एसआईसी अंशदान जमा किए जाने का प्रमाणपत्र देना था, लेकिन दोनों फर्मों ने उपलब्ध नहीं कराया।