महापरिनिर्वाण स्तूप पर उगा पीपल, खतरे का संकेत
अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थल कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण स्तूप पर पैदा हुआ खतरा
गोरखपुर : बोधगया में बोधि वृक्ष (पीपल) के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। दूसरा पीपल अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण स्तूप के शीर्ष पर उग आया है। पीपल का यह पौधा स्तूप के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। पीपल का पौधा ज्यों-ज्यों बढ़ेगा, उसकी जड़ें स्तूप के नीचे तक पहुंचेंगी। तब स्थिति काफी खतरनाक हो जाएगी। ऐसे में इसे तत्काल हटाने की जरूरत है। पिछले वर्ष भी महापरिनिर्वाण स्तूप के शीर्ष पर पीपल का एक पौधा उगा था। देखभाल के अभाव में उसकी लंबाई लगभग पांच फुट का हो गया था। तब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कुशीनगर ने इसका संज्ञान लिया और उसको निकाला गया।
इस बार महापरिनिर्वाण स्तूप के शीर्ष पर एक से अधिक पौधे दिखाई पड़ रहे हैं। यह पौधे काफी दिनों से है और लगातार बढ़ रहे हैं। विभाग द्वारा इन्हें हटाने की अबतक कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। बताया जाता है कि पक्षियों द्वारा स्तूप पर वृक्षों के बीज लाए जाते हैं जो बरसात में उग आते हैं।
1878 की खोदाई में मिला था स्तूप
कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण स्तूप में भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष मूल रूप में सुरक्षित हैं। यहां आने वाले भारतीय व विदेशी बौद्ध श्रद्धालु द्वारा इस स्तूप की पूजा अनिवार्य रूप से की जाती हैं। वर्ष 1876 की पुरातात्विक खोदाई में यह स्तूप इसी स्थान पर मिला था।
सुरक्षा और संरक्षा में नहीं होगी लापरवाही
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सारनाथ मंडल वाराणसी के अधीक्षण पुरातत्व डॉ नीरज कुमार सिन्हा ने कहा है कि स्तूप के शीर्ष पर उगे पौधों को शीघ्र ही निकलवा लिया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि भविष्य में स्तूप के शीर्ष पर पौधे न उगने पाए। इसके लिए सुरक्षा की अलग से व्यवस्था की जाएगी। कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण स्तूप हमारी धरोहर है। इसकी सुरक्षा और संरक्षा हमारा दायित्व है। इसकी सुरक्षा में कतई लापरवाही नहीं की जाएगी।