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बिना काम कराए ही ले लिया भुगतान, जेई, पूर्व प्रधान और सचिव से होगी 4.48 लाख रुपये की वसूली

बस्ती के कुदरहा विकास क्षेत्र के गायघाट में जिला पंचायत व विधायक निधि से इंटरलाकिंग संपर्क मार्ग के निर्माण को ग्राम पंचायत का काम बताकर राज्य वित्त से भुगतान करा लिया गया। इस मामले में तत्कालीन प्रधान जेई व ग्राम पंचायत सचिव दोषी पाए गए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 08:30 AM (IST)
बिना काम कराए ही ले लिया भुगतान, जेई, पूर्व प्रधान और सचिव से होगी 4.48 लाख रुपये की वसूली
जेई, पूर्व प्रधान और सचिव से 4.48 लाख रुपये किए जाएंगे वसूल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : बस्ती जिले के कुदरहा विकास क्षेत्र के गायघाट में जिला पंचायत व विधायक निधि से इंटरलाकिंग संपर्क मार्ग के निर्माण को ग्राम पंचायत का काम बताकर राज्य वित्त से भुगतान कराने के मामले में तत्कालीन प्रधान, जेई व ग्राम पंचायत सचिव दोषी पाए गए हैं। इनसे 4,48,427 रुपये की वसूली की जाएगी। इसके अलावा विभागीय कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई है।

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गायघाट में 215 मीटर इंटरलाकिंग मार्ग का कराया गया था निर्माण

गायघाट के गुड्डू उर्फ रामकृपाल मद्धेशिया ने सीडीओ को शपथ पत्र पर तथ्यों के साथ शिकायत की थी कि जिला पंचायत की ओर से गायघाट में 2017-18 में 215 मीटर इंटरलाकिंग मार्ग का निर्माण कराया गया था। इसके पूर्व 2015-16 में विधायक निधि से गायघाट कस्बे में 150 मीटर इंटरलाकिंग सड़क बनवाई गई थी। आरोप लगाया कि वर्ष 2019 इसी मार्ग पर बिना कोई कार्य कराए पूर्व प्रधान द्वारा फर्जी भुगतान करा लिया गया। इन दोनो मार्ग पर ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्य नहीं कराया गया।

निष्‍पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई का किया गया था अनुरोध

मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था। मामले में सीडीओ ने पीडी व एई डीआरडीए को जांच सौंपी थी। जांच के बाद पीडी कमलेश कुमार सोनी ने जांच रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी है। पीडी ने बताया कि रामजानकी मार्ग से रंगीलाल के घर तक 60 मीटर इंटर लाकिंग के नाम पर 1,99,200 रुपये व पहलवान के घर से हरिद्वार के घर तक 75 मीटर इंटरलाकिंग के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा बिना काम के भुगतान ले लिया गया है। इन दोनों इंटर लाकिंग सड़क का निर्माण जिला पंचायत व विधायक निधि से कराया गया था। प्रधान, सचिव व उस समय सड़क की माप करने वाले जेई ने उसी काम को ग्राम पंचायत का काम दिखा राज्य वित्त से 4,48,427 रुपये का फर्जी भुगतान करा लिया। तीनों से इसकी बराबर-बराबर वसूली की जाएगी।


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