कुशीनगर में दो दशक बाद भी लागू नहीं हो सकी पेइंग गेस्ट योजना Gorakhpur News
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक नगरी कुशीनगर में उप्र पर्यटन की पेइंग गेस्ट योजना दो दशक बाद भी लागू नहीं हो सकी है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय और विदेशी पर्यटकों को उचित मूल्य पर अतिरिक्त आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना है।
गोरखपुर, जेएनएन : अंतरराष्ट्रीय पर्यटक नगरी कुशीनगर में उप्र पर्यटन की पेइंग गेस्ट योजना दो दशक बाद भी लागू नहीं हो सकी है। विभाग के दिशा निर्देशों के तहत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के अतिरिक्त बौद्ध परिपथ में 1994 में और कुशीनगर में जुलाई 2000 में पेइंग गेस्ट योजना लागू हुई, लेकिन वह आज तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। उपेक्षा के कारण यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इस योजना से जहां एक तरफ सुविधा मिलने से लोगों की आवक बढ़ती वहीं दूसरी ओर लोगों की आय का स्त्राेत भी बढ़ जाता।
विदेशी पर्यटकों को उचित मूल्य पर अतिरिक्त आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य भारतीय और विदेशी पर्यटकों को उचित मूल्य पर अतिरिक्त आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके तहत भवन स्वामी पर्यटकों के लिए पांच कमरे उपलब्ध करा सकते हैं। भवन ऐसे स्थान पर होना चाहिए, जहां आवागमन की सुविधा हो।
सुसज्जित, आकर्षक और अंदर व बाहर से प्रदूषित रहित होना चाहिए भवन
भवन सुसज्जित, आकर्षक और अंदर व बाहर से प्रदूषण रहित हो। शर्त यह है कि भवन स्वामी स्वयं दो कमरों के साथ भवन में निवास करेगा। विदेशी पर्यटकों के मामले में पासपोर्ट विवरण और फार्म-सी संबंधित सूचनाएं विभाग को उपलब्ध कराएगा। विभाग का मानना है कि इस योजना से मकान मालिक को आय होगी तो पर्यटकों को भी सस्ते दर पर आवास की सुविधा हो सकेगी। साथ ही साथ पर्यटक स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा और संस्कृति से भी परिचित होंगे।
लोगों को जागरूक करने का किया जा रहा प्रयास
कुशीनगर के पर्यटक सूचना अधिकारी राजेश कुमार भारती ने कहा कि पर्यटन विकास में सहयोगी पेइंग गेस्ट योजना विभाग ने जुलाई 2000 में लांच किया था। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया। अब तक किसी ने इसके लिए आवेदन नहीं किया है। लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि कोई आवेदन करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।