Move to Jagran APP

आमजन व आशा को मरीज बनाकर बढ़ा देते फेरा

मरीजों को अस्पताल और घर पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा में फेरा बढ़ाने को नया कारनामा सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:41 PM (IST)
आमजन व आशा को मरीज बनाकर बढ़ा देते फेरा
आमजन व आशा को मरीज बनाकर बढ़ा देते फेरा

आमजन व आशा को मरीज बनाकर बढ़ा देते फेरा

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, बस्ती: गर्भवती व बच्चों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए संचालित निश्शुल्क 102 एंबुलेंस सेवा में फेरा बढ़ाने को नया कारनामा सामने आया है। 102 ही नहीं 108 एंबुलेंस सेवा में भी खेल किया जा रहा है, जिसका फायदा संचालक खूब उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ईएमटी व चालक जान-पहचान वाले व्यक्ति व आशा को ही मरीज बना देते हैं। उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाकर भर्ती करा देते हैं और एंबुलेंस का एक फेरा बढ़ जाता है।

फेरा बढ़ाकर सरकार को आर्थिक चोट पहुंचाने का खेल जब उजागर हुआ तो प्रदेश के 50 जिले में फर्जीवाड़ा सामने आया, लेकिन बस्ती में भी यह खेल बदस्तूर जारी है। यह अलग बात है कि इसकी शिकायत अब तक किसी ने नहीं की थी, लेकिन अब एंबुलेंस से मरीज अस्पताल तो जाते हैं लेकिन वह मरीज असली है कि नकली इस परिस्थिति को इस खेल में शामिल लोगों ने जटिल बना दिया है। खैर, सत्यापन कार्य चल रहा है, ऐसे सभी फर्जी केस सामने आएंगे, जो फेरा बढ़ाने के लिए दूसरे के मोबाइल नंबर से फोन करके एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 40 से 50 प्रतिशत ऐसे केस होते हैं जो आमजन, जान-पहचान वाले व्यक्ति या फिर संबंधित कृत्य में शामिल कथित आशाएं होती हैं, जिनके नंबर से फोन होता है और मरीज बनकर अस्पताल पहुंचाते हैं। शासन ने जो जांच शुरू की है उसमें अप्रैल 2021 के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल 2022 का जो रिकार्ड भेजा गया है उसमें 50 प्रतिशत ट्रिप ( फेरे) अधिक दिखा दिए गए। भुगतान के समय जांच में यह गड़बड़ी पकड़ में आई तो खलबली मच गई। जांच के इस लपेटे में बस्ती जिला भी आ गया है। सेवा प्रदाता कंपनी के कर्मचारी, अधिकारी एवं एंबुलेंस के चालक व ईएमटी पूरे दिन अभिलेख दुरुस्त करने में लगे रहे। चिकित्सा इकाइयों में अप्रैल 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 में सेवा प्रदाता कंपनी मेसर्स मदर-चाइल्ड सर्विसेज, यूपी द्वारा एंबुलेंस के 50 प्रतिशत अधिक फेरे दिखाए गए हैं। इस खेल में बस्ती जिले के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। सत्यापन शुरू होने से यहां के जिम्मेदारों के पसीन छूट रहे हैं।

----

जिला, महिला, कैली समेत सभी सीएचसी से मिलती है एंबुलेंस:

गर्भवती को अस्पताल लाने व ले जाने के लिए जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, ओपेक चिकित्सालय कैली व सभी सीएचसी पर एंबुलेंस मिलती है। एंबुलेंस सेवा के लिए संबंधित को 102 व 108 पर फोन करना होता है। इसके बाद एंबुलेंस संबंधित के पास पहुंचती है और उसे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया जाता है। लेकिन, बताया जा रहा है कि जहां एंबुलेंस खड़ी रहती है, वहीं किसी व्यक्ति का नंबर लेकर ईएमटी व चालक फोन करते हैं और उस व्यक्ति को मरीज बनाकर कैली, जिला या फिर अन्य अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा देते हैं। सत्यापन के दौरान भी यह केस पकड़ से दूर हो जाता है।

----

102 एंबुलेंस में प्रति फेरा 3500 रुपये का होता है भुगतान :

102 एंबुलेंस से यदि मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है तो एक फेरा होता है, उसके एवज में एंबुलेंस कंपनी को 3500 रुपये का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा 108 एंबुलेंस से यदि मरीज अस्पताल पहुंचाया गया है तो उसके एवज में कंपनी को करीब 55 से 56 सौ रुपये का भुगतान होता है। इसीलिए फेरा बढ़ाने का खेल चलता है। बताया जा रहा है कि 102 एंबुलेंस को प्रतिदिन 120 किमी. जबकि 108 एंबुलेंस को प्रतिदिन 180 किमी. की दूरी तय करनी होती है। यह दूरी माह में गिनती की जाती है।

----

जिले में 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ जिन लाभार्थियों ने उठाया है, उन लाभार्थियों का सत्यापन ब्लाकवार कराया जा रहा है। ब्लाक स्तर का 100 प्रतिशत सत्यापन जबकि मुख्यालय स्तर पर 10 प्रतिशत लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा रहा है। फरवरी, मार्च व अप्रैल का सत्यापन हो रहा है।

डा. एसवी सिंह, एसीएमओ/नोडल अधिकारी, एंबुलेंस सेवा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.