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Corona effect: बच्‍चों को स्‍कूल नहीं भेजेंगे अभिभावक, संचालक परेशान

गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अजय शाही का कहना है कि अभी तक 20 फीसद अभिभावकों ने ही सहमति दे दी है। शेष ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है जिससे ऐसा लग रहा है कि वह बच्‍चों को स्कूल भेजना नहीं चाह रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 01:21 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:21 PM (IST)
Corona effect: बच्‍चों को स्‍कूल नहीं भेजेंगे अभिभावक, संचालक परेशान
निजी स्‍कूलों के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। आगामी 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से बारहवीं तक की कक्षाएं संचालित करने के लिए स्कूलों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।  लेकिन अभी तक अभिभावक ब'चों को स्कूल भेजने को लेकर ऊहापोह में हैं। निजी स्कूलों द्वारा बच्‍चों को बुलाने को लेकर भेजे गए सहमति पत्र के उत्तर में अभी तक अधिकांश अभिभावकों के जवाब ना में हैं। जिन अभिभावकों ने अभी तक सहमति पत्र का जवाब नहीं दिया है उनको लेकर स्कूल प्रशासन का मानना है कि वह अभी अपने बच्‍चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।

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सिर्फ 20 फीसद अभिभावक तैयार

गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अजय शाही का कहना है कि अभी तक 20 फीसद अभिभावकों ने ही सहमति दे दी है। शेष ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जिससे ऐसा लग रहा है कि वह बच्‍चों को स्कूल भेजना नहीं चाह रहे हैं।अभिभावकों से अनुमति मिलने के बाद ही उनके ब'चों को स्कूल में प्रवेश की अनुमति होगी।

सेंट जोसफ में 30 फीसद बच्‍चों के अभिभावकों की मिली सहमति

सेंट जोसफ स्कूल खोराबार के फादर सीबी जोसफ का कहना है कि हम पहले कक्षा ग्यारह व बारह के छात्रों को बुला रहे हैं। इन छात्रों के लगभग तीस फीसद अभिभावकों ने अपने बच्‍चों को स्कूल भेजने की अनुमति दे दी है। कक्षा 9 व 10 के बच्‍चों की कक्षाएं 28 अक्टूबर से संचालित की जाएंगी। इन कक्षाओं के अभिभावकों को सहमति पत्र भेजा जा रहा है। स्कूल आने वाले छात्रों को अभिभावक का अनुमति पत्र लाना आवश्यक होगा।

मतलब बाकी बच्‍चे आनलाइन के पक्ष में

एबीसी पब्लिक स्कूल के निदेशक हेमंत मिश्रा का कहना है कि सभी अभिभावकों को स्कूल एप के माध्यम से सहमति पत्र भेजा गया है। अभी तक महज पंद्रह से बीस फीसद अभिभावकों ने ही अपने बच्‍चों को स्कूल भेजने में रुचि दिखाई है। अन्य का जवाब नहीं आने का मतलब वह अपने बच्‍चों को स्कूल भेजना नहीं चाह रहे हैं और आनलाइन शिक्षण के पक्ष में है।


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