Move to Jagran APP

कुशीनगर में इमरजेंसी में नहीं मिलेगा आक्सीजन सिलिंडर

कुशीनगर में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी काफी लचर है यहां खपत के अनुसार प्रतिदिन भेजी जाती है डिमांड सरकारी व निजी अस्पतालों में स्टोरेज की नहीं है व्यवस्था कोविड अस्पताल के लिए जो प्लांट लगा है उससे सीधे बेड पर पाइप लाइन से आपूर्ति होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 12:31 AM (IST)
कुशीनगर में इमरजेंसी में नहीं मिलेगा आक्सीजन सिलिंडर
कुशीनगर में इमरजेंसी में नहीं मिलेगा आक्सीजन सिलिंडर

कुशीनगर : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट स्वास्थ्य विभाग भले ही जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने का दावा करे, लेकिन यहां इमरजेंसी में आक्सीजन सिलिंडर नहीं मिलेगा। यहां खपत के अनुसार प्रतिदिन डिमांड भेजी जाती है। कई आक्सीजन प्लांट अभी निर्माणाधीन हैं ऐसे में अचानक डिमांड बढ़ी तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

loksabha election banner

जिला संयुक्त चिकित्सालय व सीएचसी समेत 17 चिकित्सालयों में ही पर्याप्त सिलिंडर नहीं हैं। कहीं एक तो कहीं दो छोटे सिलिंडर रखे हैं। यहां तक कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा के नाम पर केवल प्राथमिक उपचार हो रहा है, जिसके कारण मरीजों को गोरखपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। अभी तक जिला संयुक्त चिकित्सालय में एक आक्सीजन प्लांट चालू हुआ है, इससे उत्पादित आक्सीजन मरीज बेड तक पाइपलाइन के जरिये पहुंचेगा। दूसरा अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। तीसरा निर्माणाधीन है। ऐसे में इमरजेंसी सेवा के लिए सिलिंडर पर ही निर्भर रहना होगा।

अप्रैल से जून तक बढ़ी रही खपत

40 सिलेंडर खर्च होने वाले जिला संयुक्त चिकित्सालय के एमसीएच विग कोविड-19 अस्पताल में अप्रैल से जून के बीच में 80 सिलेंडर की खपत प्रतिदिन हो गई थी, जिसमें 40 छोटे व 40 बड़े सिलिंडर प्रयुक्त होते थे। इसके लिए जिला अस्पताल से प्रतिदिन 80 सिलिंडर की डिमांड गोरखपुर भेजी जाती थी, वहां से सुबह सिलिंडर लाए जाते थे। यहां स्टोरेज की व्यवस्था न होने के कारण अगर अचानक मरीजों की संख्या बढ़ जाए तो स्थिति विकट हो जाएगी।

सीएचसी पर नहीं है वेंटीलेटर

100 बेड के कोविड अस्पताल में 50 वेंटीलेटर की व्यवस्था है, जो सेंट्रल आपूर्ति से संचालित हो रहे हैं। बाकी सीएचसी व पीएचसी पर छोटे-छोटे आक्सीजन सिलिंडरों से इलाज चल रहा है, कहीं भी वेंटीलेटर नहीं हैं।

पहले 72 घंटे का रखा जाता था स्टाक

जिला अस्पताल व सीएचसी पर मार्च तक आक्सीजन सिलिंडर का 72 घंटे का स्टाक रखा जाता था, लेकिन अप्रैल से प्रतिदिन इंडेंट के साथ अस्पताल से गाड़ी भेजी जाती है। उस समय जिला संयुक्त चिकित्सालय में सामान्य प्रयोग के लिए 90 बड़े व 75 छोटे सिलिंडर, आइसोलेशन वार्ड में प्रयोग के लिए 20 बड़े व 50 छोटे तथा सीएचसी के लिए 25 सिलिंडर स्टाक में रखे जाते थे। स्टोर इंचार्ज जितेंद्र दूबे ने कहा कि इमरजेंसी सेवा के लिए आक्सीजन की कमी नहीं है।

दूसरी लहर में कम हो गई थी आपूर्ति

कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की डिमांड बढ़ने की वजह से पहले की तरह स्टाक मौजूद नहीं रह रहा था। कम आपूर्ति से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। अब प्रतिदिन डिमांड के हिसाब से सिलेंडर उपलब्ध है।

सीएमएए डा. एसके वर्मा ने कहा कि

अस्पताल पर आक्सीजन व कोरोना संक्रमण से लेकर अन्य बीमारियों से संबंधित सारी दवाएं, किट व जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी की जा रही है।

सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने कहा कि जनपद में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। आवश्यकतानुसार उपलब्ध है, जिसे जरूरत के अनुसार जिला अस्पताल व सीएचसी पर भी भेजा जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.