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Gorakhpur Coronavirus: गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के जिम्‍मेदार बाहरी लोग, भेजे गए छह गंभीर मरीजों के नमूने

महाराष्ट्र केरल व तमिलनाडु आदि में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। क्योंकि दूसरी लहर के जिम्मेदार भी बाहर से आए लोग ही थे। इसलिए बाहर से आए संक्रमितों को लेकर विभाग सतर्क हो गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 03:11 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 07:11 PM (IST)
Gorakhpur Coronavirus: गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के जिम्‍मेदार बाहरी लोग, भेजे गए छह गंभीर मरीजों के नमूने
माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्‍यक्ष डा. अमरेश सिंह का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिले में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस व कप्पा स्वरूप की पुष्टि होने के बाद बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज का माइक्रोबायोलाजी विभाग सतर्क हो गया है। अनवरत गंभीर मरीजों के नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। ताकि समय रहते इन खतरनाक स्वरूपों की रोकथाम की जा सके। छह गंभीर मरीजों के नमूने पुन: दिल्ली स्थित इंस्टीट््यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में भेजे गए हैं।

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बाहरी लोग थे दूसरी लहर के जिम्‍मेदार

महाराष्ट्र, केरल व तमिलनाडु आदि में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। क्योंकि दूसरी लहर के जिम्मेदार भी बाहर से आए लोग ही थे। इसलिए बाहर से आए संक्रमितों को लेकर विभाग सतर्क हो गया है। यहां भी दूसरी लहर के दौरान डेल्टा प्लस की उपस्थिति ने भी ङ्क्षचता बढ़ा दी है। माइक्रोबायोलाजी विभाग अभी तक आइजीआइबी में 81 मरीजों के नमूने भेज चुका है। इनमें से 30 की रिपोर्ट आ चुकी है। दो में डोल्टा प्लस, एक में कप्पा व 27 में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। इसे लेकर विभाग सतर्क है।

जांच के लिए भेजे जा रहे बाहरी लोगों के नमूने

जो भी संक्रमित बाहर से आए हैं या गंभीर स्थिति में हैं, एहतियात के तौर पर उनके नमूनों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। जिन छह संक्रमितों के नमूने भेजे गए हैं, वे गंभीर हैं। उनकी रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटी-पीसीआर) की सीटी वैल्यू 25 से कम है। साथ ही उनकी ट्रैवेल हिस्टी भी है, इसमें महाराष्ट्र व केरल से आने वाले लोगों के भी नमूने शामिल हैं।

गोरखपुर में मिल चुका है कोरोना का खतरनाक वैरिएंट

बीआरडी मेडिकल कालेज में माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्‍यक्ष डा. अमरेश सिंह का कहना है कि यहां दूसरी लहर के दौरान डेल्टा प्लस जैसा कोरोना का खतरनाक वैरिएंट मिल चुका है। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। जो भी गंभीर मरीज हैं या जिनकी ट्रैवेल हिस्ट्री है, उनके नमूने जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग के लिए भेजे जा रहे हैं। बाहर से आ रहे लोग अपनी ट्रैवेल हिस्ट्री छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे कोरोना की रोकथाम में दिक्कत होगी।


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