दरोगा ने तथ्य छिपाया और बन गया इंस्पेक्टर, डीजीपी ने दिया जांच का आदेश
एक दरोगा ने तथ्य छिपा लिया और पदोन्नति पाकर इंसेपक्टर हो गया। यह जानकारी आरटीआइ के तहत मिलने के बाद उसके खिलाफ जांच का आदेश हो गया।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले में कप्तानगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष सदानंद ¨सह के निरीक्षक पद पर हुए पदोन्नति को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। कप्तानगंज कस्बा निवासी विपुल खेतान ने उन पर तथ्यों को छिपाकर पदोन्नति प्राप्त करने का आरोप लगाया है। शिकायत का संज्ञान ले डीजीपी ने मामले की जांच का आदेश दिया है। सदानंद ¨सह मौजूदा समय में संतकबीरनगर के बखिरा थाने में तैनात हैं।
डीजीपी से की गई शिकायत में खेतान ने कहा है कि कप्तानगंज में तैनाती के दौरान दारोगा के खिलाफ सीजेएम न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जो अदालत में लंबित है। वर्ष 2012 में उनका गैर जनपद तबादला हो गया। 2016 में संतकबीरनगर में तैनाती के दौरान वह निरीक्षक पद पर पदोन्नत हुए। उस समय दिए गए हलफनामा में उनके द्वारा जानबूझकर तथ्यों को छिपाया गया। हलफनामे में दरोगा ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे का कोई उल्लेख नहीं किया। आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में संतकबीरनगर पुलिस के जन सूचनाधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई सूचना में स्वीकारा गया है कि पदोन्नति के समय दारोगा द्वारा दिए गए हलफनामे में इसका उल्लेख नहीं है। दरोगा ने भर्ती बोर्ड व अपने आला अफसरों को गुमराह कर पदोन्नति का लाभ लिया है, जो गलत है। शिकायतकर्ता ने दरोगा सदानंद ¨सह की पदोन्नति निरस्त करने तथा पदोन्नति के समय से अब तक आहरित वेतन की रिकवरी की मांग की है। डीजीपी ने संतकबीरनगर के एसपी को मामले की जांच का आदेश दिया है। खेतान का कहना है कि पुलिस विभाग में इस तरह के तथ्य छिपाना किसी अपराध से कम नहीं है। ऐसे में कार्रवाई भी होनी चाहिए। बहरहाल अब तो मामला डीजीपी तक पहुंच गया है।