गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। गोरखपुर से विभिन्न रूटों पर पहले से चल रहीं तीन जोड़ी समर स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनें अब जुलाई तक संचालित होंगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए साप्ताहिक समर स्पेशल ट्रेनों के संचालन अवधि का विस्तार किया गया है। यह सभी ट्रेनें पूर्व निर्धारित रेक संरचना, समय , ठहराव और मार्ग के आधार पर ही चलाई जाएंगी। यात्री इन स्पेशल ट्रेनों का लाभ उठा सकते हैं।
इन ट्रेनों की संचालन अवधि बढ़ाई गई
05053 गोरखपुर-बान्द्रा टर्मिनस स्पेशल 29 जुलाई तक प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी।
05054 बान्द्रा टर्मिनस-गोरखपुर स्पेशल 30 जुलाई तक प्रत्येक शनिवार को चलेगी।
05005 गोरखपुर-अमृतसर स्पेशल एक्सप्रेस 29 जुलाई तक प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी।
05006 अमृतसर-गोरखपुर स्पेशल एक्सप्रेस 30 जुलाई तक प्रत्येक शनिवार को चलेगी।
05303 गोरखपुर-एर्नाकूलम स्पेशल एक्सप्रेस 30 जुलाई, तक प्रत्येक शनिवार को चलेगी।
05304 एर्नाकूलम-गोरखपुर स्पेशल एक्सप्रेस 01 अगस्त तक प्रत्येक सोमवार को चलेगी।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इनाेवेटरों को 1.5 करोड़ रुपये तक का सहयोग करेगा रेलवे
रेलवे एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। इसमें नई तकनीकी के समावेश की अपार संभावनाएं हैं। युवा वर्ग के पासविभिन्न प्रकार के नए आइडिया हैं, जिसके लिए रेलवे ने इनोवेशन पोर्टल के माध्यम से प्लेटफार्म दिया है। रेलवे में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए समान भागीदारीके रूप में 1.5 करोड़ रुपये तक का सहयोग किया जायेगा, जिसके माध्यम से रेलवे में नई तकनीक का विकास होगा। इच्छुक इनोवेटर (नवोन्मेषक) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमी इनोवेशन पोर्टल पर 30 जून से आनलाइन प्रस्ताव भेज सकते हैं। यह जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने दी। वह महाप्रबंधक कार्यालय के सभागार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, एकलइनोवेटर, पार्टनरशिप फर्म, कम्पनियाें, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय,आइटीएम गीडा, बीईटी, केआइपीएम, जिला उद्योग केन्द्र, एमएसएमई गोरखपुर केप्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
11 मदों पर रेलवे देगा अनुदान
उन्होंने भारतीय रेलवे की नवाचार नीति (इनोवेशन पालिसी) पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि प्राब्लम स्टेटमेंट से विकास तक की प्रक्रिया आनलाइन निर्धारित समयावधि में पूरी होगी। नवोन्मेषकों (इनोवेटर्स) का चयन पारदर्शी एवं निष्पक्ष होगी। विकसित इंटेलेक्चुवल प्राॅपर्टी राइट्स (आईपीआर) नवोन्मेषक के पास ही रहेगा। इनोवेटर नई तकनीक के माध्यम से 11 मदों पर रेलवे के विकास में योगदान दे सकेंगे।
इन चुनौतियों से निपटने में अपना योगदान दे सकते हैं इनोवेटर
1- ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम
2- रेल स्ट्रेस मानीटरिंग सिस्टम
3- उपनगरीय खण्डों के लिए हेड-वे इम्प्रूवमेंट सिस्टम
4- ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों के लिए आटोमेशन
5- भारी माल की ढुलाई के लिए सुपिरियर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) की डिजाइन
6- फेज के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के ट्रैक्शन मोटर के लिए आनलाइन कण्डीशन मानिटरिंग सिस्टम का विकास
7- नमक जैसी सामग्री की ढुलाई के लिए हल्के वजन के वैगन
8- यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग
9- ट्रैक क्लीनिंग मशीन
10- पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन एवं सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए एप
11- पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग जियोमेटिक्स एवं जीआईएस का उपयोग।
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