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गोरखपुर शहर का वीआइपी वार्ड, जानें, क्‍या है इसकी पहचान

बिलंदपुर में टूटी सड़क से गुजरने वाले नागरिक व्यवस्था को कोसते रहते हैं। शाम होते ही इलाके की कई सड़कों पर घरों से निकला पानी इकट्ठा होने लगता है। वजह नालियों का चोक होना है। नागरिकों को खुद ही नालियों की सफाई के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 02:09 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 02:09 PM (IST)
गोरखपुर शहर का वीआइपी वार्ड, जानें, क्‍या है इसकी पहचान
वार्ड में गंदगी और टूटा हुआ नल।

गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम का वार्ड नंबर 62 सिविल लाइंस द्वितीय समस्याओं से कराह रहा है। इसी वार्ड में कलेक्ट्रेट परिसर भी है लेकिन खराब सड़क और चोक नालियों के बीच गंदगी से नागरिक परेशान हैं। विकास कार्य के लिए धन न मिलने से वार्ड के भाजपा पार्षद देवेंद्र गौड़ पिंटू बेहद नाराज हैं। कहते हैं कि, 'उनकी कोई सुन ही नहीं रहा है।

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बिलंदपुर में टूटी सड़क से गुजरने वाले नागरिक व्यवस्था को कोसते रहते हैं। शाम होते ही इलाके की कई सड़कों पर घरों से निकला पानी इकट्ठा होने लगता है। वजह, नालियों का चोक होना है। नागरिकों को खुद ही नालियों की सफाई के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। नगर निगम से कोई नहीं आया तो खुद या रुपये देकर नालियों की सफाई कराई जाती है।

शहर के बीचों-बीच स्थित इस वार्ड से गुजरने वाले नालों की भी सफाई कभी-कभार ही होती है। काफी प्रयास के बाद कबाड़ी गली में नई पुलिया का निर्माण तो हुआ लेकिन एप्रोच मार्ग आज तक नहीं सही हो सका। इस कारण दोपहिया वाहन सवारों को इधर से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अलाव आज तक नहीं जला

पार्षद का आरोप है कि ठंड के बाद भी वार्ड में अब तक अलाव नहीं जलाया गया। कंबल इतनी खराब गुणवत्ता का है कि इसे जरूरतमंदों को देने से विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

स्कूल के सामने मलबा

बिलंदपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के सामने और बगल में मलबा रख दिया गया है। वार्ड में लगा इंडिया मार्क हैंडपंप काफी समय से खराब पड़ा है। हैंडपंप का हत्था भी नाली की तरफ कर दिया गया है। वार्ड निवासी शक्ति सिंह का कहना है किअफसर मिलते नहीं और पार्षद से शिकायत करो तो कहते हैं कि उनकी महापौर सुन नहीं रहे हैं। आप लोग सीधे महापौर से ही मिलें। वार्ड में मूलभूत सुविधाओं के लिए भी नागरिकों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। सुभाष सिंह श्रीनेत का कहना है कि सिविल लाइंस शब्द अपने आप में ही काफी प्रतिष्ठित इलाके की ओर इशारा करता है लेकिन जब वार्ड में पहुंचते हैं तो मन दुखी हो जाता है। न तो सड़कें ठीक हैं और न ही नाले-नालियां ही साफ हैं। वहीं धीरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि खाली प्लाटों में गंदगी का अंबार है। सफाई भी समय से नहीं होती है। वार्ड में कूड़ेदान की भी व्यवस्था नहीं है। स्व'छ सर्वेक्षण में शहर को एक नंबर बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा है। राजेश सिंह का कहना है कि गंदगी के कारण ठंड के बाद भी म'छरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। न तो फागिंग हो रही है और न ही कोरोना से बचाव के लिए सोडियम हाइपो क्लोराइट के घोल का छिड़काव ही नगर निगम प्रशासन करा रहा है। सभासद देवेंद्र गौड़ पिंटू का कहना है कि नागरिकों की सुविधा के लिए लगातार संघर्ष कर रहा हूं लेकिन कोई सुन ही नहीं रहा है। नागरिक मुझसे शिकायत करते हैं। अपने स्तर से हर समस्या दूर कराने में जुटा हुआ हूं। सफाई, सड़क के मुद्दे पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटूंगा।


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