सांसद रविकिशन ने कहा-बुद्धिजीवी ही कर सकते हैं कोरोना की समस्याओं का समाधान Gorakhpur News
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि कोरोना काल और उत्तर कोरोना काल में आने वाली समस्याओं से निजात पाने में बुद्धिजीवियों की बड़ी भूमिका हो सकती है।
गोरखपुर, जेएनएन। सासंद रवि किशन ने शहर के बुद्धिजीवियों से ऑनलाइन संवाद किया। 'अनलॉक अवधि की ओर : जिम्मेदारी और चुनौतियां विषय पर आयोजित संवाद में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि कोरोना काल और उत्तर कोरोना काल में आने वाली समस्याओं से निजात पाने में बुद्धिजीवियों की बड़ी भूमिका हो सकती है। वह अपने ज्ञान और शोध से कोरोना की समस्या की समाधान कर सकते हैं।
पूरी दुनिया को राह दिखा रहा भारत
उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वह वैक्सीन और दवा को लेकर शोध करें, जिससे कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निजात मिल सके। देश में मोदी और प्रदेश योगी सरकार के प्रबंधन की सराहना करते हुए सांसद ने कहा कि दोनों नेताओं के असाधारण प्रबंधन से ही हम कोरोना से लडऩे को लेकर पूरी दुनिया को राह दिखा सके हैं। कोरोनावायरस के मामले में पूरी दुनिया भारत की व्यवस्था से प्रभावित है। तमाम राष्ट्राध्यक्ष भारत की सराहना करते हैं।
कोरोना को लेकर लाकडाउन का कार्यकाल बेहतर
उन्होंने कोरोना के समय लाकडाउन के कार्यकाल को बेहतर उपाय बताया। सांसद ने कहा कि अब जबकि बाजार खुल गए हैं। सड़कों और दुकानों में भीड़ बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को फिजीकल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना होगा। कोरोना से बचने का यही उपाय दिखाई पड़ रहा है। भारत जैसे वृहद जनसंख्या वाले देश के लिए फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि फिजीकल डिस्टेंसिंग में थोड़ी सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। बुद्धिजीवियों को लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। ऐसे में बुद्धिजीवियों को इसके लिए आगे आना होगा। बुद्धिजीवियों की बात और उनके आचरण को समाज के लोग स्वीकार करते हैं। ऐसे में अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कोरोना काल में सरकार की तरफ से किए गए उपायों की विस्तार से चर्चा की।
बातचीत से ही किसी समस्या का स्थायी निदान
कार्यक्रम समन्वयक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने संवाद के आयोजन के औचित्य पर चर्चा की और कहा कि बातचीत से ही किसी समस्या का स्थायी निदान होता है। उन्होंने बताया कि संवाद से जुड़े शिक्षकों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिससे सांसद के माध्यम से सरकार तक भेजा जाएगा। संवाद में बायो टेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शरद मिश्रा, डॉ. अंबरीश श्रीवास्तव, डॉ. तूलिका मिश्रा, डॉ. प्रतिमा जायसवाल, प्रो. राजर्षि गौड़, डॉ. मनोज तिवारी, डॉ. राजेश पांडेय, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. टीएन मिश्रा, डॉ. आलोक कुमार आदि ने हिस्सा लिया। आभार ज्ञापन डॉ. आशीष शुक्ला ने किया।