अजब-गजब: फ्लिपकार्ट पर बुक किया था 87 हजार का कैमरा, डिलीवरी में मिला पत्थर- जांच में जुटी पुलिस
Cyber Crime In Gorakhpur कैमरा संगम दूबे के नाम पर बुक कराया गया था। डिलीवरी ब्वॉय के सामने जैसे ही पार्सल खोले बॉक्स में पत्थर देख हैरान रह गए। संगम ने इसकी शिकायत साइबर सेल में की है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर के सिविल लाइंस स्थित एक व्यक्ति के नाम से फ्लिपकार्ट पर कैमरा बुक कराया गया था। पार्सल लेकर पहुंचे डिलीवरी ब्वॉय के सामने खोलने पर उसमें पत्थर निकला। पीड़ित ने साइबर सेल में प्रार्थना पत्र देकर शिकायत दर्ज करा दी है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि कुशीनगर जिले के अंद्रेश कुमार राय ने चार फरवरी को फ्लिपकार्ट पर 87 हजार 990 रुपये का एक कैमरा सिविल लाइंस के संगम दूबे के नाम पर बुक कराया था। अंद्रेश ऑनलाइन पैसे का भुगतान भी उसी समय क्रेडिट कार्ड से कर दिया था। आठ फरवरी को बुक कराया कैमरा तारामंडल स्थित ईकार्ट पर पहुंचा। जहां से डिलिवरी ब्वॉय ने गत्ते में सील कैमरा लेकर संगम के घर पहुंचकर उन्हें दिया। सील गत्ता भारी होने पर संगम ने डिलीवरी ब्वॉय के सामने गत्ता खोला तो एक गत्ते में एक और दूसरे गत्ते में दो भारी पत्थर निकले। इसके बाद संगम ने इसकी शिकायत कस्टमर केयर पर की और ईकार्ट के मैनेजर से की। समाधान नहीं होने पर संगम ने इसकी शिकायत साइबर सेल पुलिस से कर दी है।
ओपन बॉक्स डिलिवरी ऑप्शन का करें उपयोग
जागरूक उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी करते समय ओपन बॉक्स डिलिवरी ऑप्शन का उपयोग करते हैं। इस आप्शन का प्रयोग कर ऑनलाइन मार्केटिंग के दौरान इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है।
पीएम आवास योजना की किश्त भेजने के नाम 85 सौ की ठगी
गुलरिहा थाना क्षेत्र के महराजगंज टोला हरनहीया निवासी मोहन के साथ जालसाज ने 85 सौ रुपये की ठगी कर ली है। पीड़ित ने थाने में तहरीर देते हुए बताया कि यूकों बैंक के बचत खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रथम किश्त आया हुआ है। किश्त आने के कुछ देर बाद एक युवक ने मोबाइल पर फोन किया। उसने बताया कि वह आवास योजना कार्यालय से बोल रहा है। प्रथम किश्त खाते में भेजा गया है। खाते में पैन कार्ड लिंक नहीं है। 85 सौ रुपये अगर भेज दोगे तो दूसरी किश्त भी भेज दी जाएगी। नहीं भेजने पर रोक दी जाएगी। झांसे में आकर मांगा गया पैसा भेज दिया। इसके बाद दोबारा फोन कर 20 हजार रुपये की मांग करने लगा। पीड़ित ग्राम प्रधान के पास पहुंचा तो जानकारी हुई कि कोई पैसा नहीं लगना है।