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एमएमएमयूटी : समय से डिग्री के लिए देनी होगी ऑनलाइन परीक्षा : कुलपति Gorakhpur News

छात्रों से सीधे संवाद का फैसला कुलपति ने तब लिया जब विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों से मांगे गए सुझाव में 65 प्रतिशत ने आनलाइन परीक्षा में भरोसा जताया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 05:57 PM (IST)
एमएमएमयूटी : समय से डिग्री के लिए देनी होगी ऑनलाइन परीक्षा : कुलपति Gorakhpur News
एमएमएमयूटी : समय से डिग्री के लिए देनी होगी ऑनलाइन परीक्षा : कुलपति Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह ने छात्रों से कहा है कि अगर उन्हें समय से डिग्री हासिल करनी है आनलाइन परीक्षा के विकल्प चुनना होगा। कुलपति मंगलवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से सभी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के छात्रों को परीक्षा के आनलाइन माध्यम को स्वीकार करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। कोरोना के चलते आफ लाइन परीक्षा में दिक्‍कतें

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कुलपति के संबोधन में वह छात्र फोकस में थे, जिन्होंने परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से मागें गए सुझाव में आफलाइन परीक्षा की डिमांड की है। कुलपति ने उन्हें बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में आफलाइन परीक्षा में काफी दिक्कते हैं। आनलाइन परीक्षा तो जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह तक कराई जा सकती है लेकिन आफलाइन परीक्षा के लिए कम से कम सितंबर तक इंतजार करना होगा। हो सकता है कि इससे भी ज्यादा वक्त लग जाए। ऐसे में परीक्षा का आफलाइन माध्यम चुनने वाले छात्रों को डिग्री मिलने में समय लगेगा, जिससे उनका भविष्य अधर में लटका रहेगा। आफलाइन परीक्षा के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करने की चुनौती की चर्चा भी कुलपति ने की।

65 प्रतिशत छात्र आनलाइन परीक्षा के लिए तैयार

परीक्षा के मोड को लेकर छात्रों से सीधे संवाद का फैसला कुलपति ने तब लिया, जब विश्वविद्यालय की ओर से इसे लेकर छात्रों से मांगे गए सुझाव में 65 प्रतिशत ने आनलाइन तो 35 प्रतिशत ने आफलाइन परीक्षा में अपना भरोसा जताया। हाल में यूजीसी ने गाइडलाइन जारी कर सभी पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष की परीक्षा की अनिवार्यता पर जोर दिया था। चाहे वह परीक्षा आफलाइन मोड में कराई जाए या या फिर आनलाइन। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने परीक्षा मोड को  लेकर छात्रों का पक्ष जानने के लिए सुझाव मांगा था।

केवल अंतिम वर्ष की ही होगी परीक्षा

संवाद के दौरान कुलपति ने यह भी साफ किया कि अंतिम वर्ष को छोड़कर अन्य सभी वर्ष के छात्रों की परीक्षा नहीं होगी। उन्हें यूजीसी और एआइसीटीई के दिशा-निर्देषों को ध्यान रखते पिछले सेमेस्टर के प्रदर्शन  के आधार पर प्रमोट कर दिया जाएगा। हालांकि इसे लेकर राज्य सरकार का मार्गदर्शन अभी अपेक्षित है।

नहीं चलेगा ग्रीष्मकालीन सत्र

कुलपति ने बताया कि इस वर्ष ग्रीष्मकालीन अध्ययन सत्र चलाना संभव नहीं होगा। ऐसे में किसी विषय में अनुत्तीर्ण छात्र को री-रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस बार छात्रों को दो की बजाय तीन विषयों में री-रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी।

फीस में सहूलियत पर हो रहा विचार

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों और उनके अभिभावकों की सहूलियत के लिए इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है कि पूरे वर्ष की फीस एक साथ न लेकर उसे सेमेस्टर के आधार पर लिया जाय। यह सहूलियत आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को दी जा सकती है।

एक सितंबर से आनलाइन कक्षाएं

संवाद के दौरान छात्रों ने कुलपति से अगले सत्र को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि एक सितम्बर से सभी पाठ्यक्रमों के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की ऑनलाइन कक्षाओं को शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए विभाग ई-कंटेंट तैयार कराया जा रहा है। यह कंटेट संबंधित विभाग के वेब पेज पर रहेगा। पहले वर्ष की कक्षाओं पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद विचार होगा।


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