Lockdown में खूब पढ़ी गईं गीताप्रेस की ऑनलाइन पुस्तकें, 'कल्याण' भी हुई ऑनलाइन Gorakhpur News
Lockdown में गीताप्रेस की ऑनलाइन पुस्तकें खूब पढ़ी गईं। गीता प्रेस ने अपनी पत्रिका कल्याण को भी ऑनलाइन कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में गीताप्रेस की ऑनलाइन पुस्तकों ने पाठकों को भरपूर सहारा दिया। गीताप्रेस की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन पुस्तकें खूब पढ़ी गईं। पाठकों की मांग पर प्रबंधन ने धार्मिक पत्रिका 'कल्याण' के अप्रैल, मई व जून के अंक भी ऑनलाइन उपलब्ध करा दिए थे। यह अंक लॉकडाउन के चलते प्रकाशित नहीं हो सके थे।
धार्मिक पत्रिका के अलावा गीताप्रेस की 100 से अधिक पुस्तकों का ई-वर्जन पीडीएफ फार्मेट में गीताप्रेस की वेबसाइट पर अपलोड है। इन पुस्तकों को निश्शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। फिलहाल सभी 1880 पुस्तकों व लगभग 2000 से अधिक फोटो का डिजिटल बैकअप तैयार हो चुका है। शीघ्र ही वेबसाइट पर अपलोड किया जाना है।
किस भाषा की कितनी पुस्तकें ऑनलाइन
हिंदी-संस्कृत की 35, इंग्लिश की नौ, गुजराती की आठ, तेलुगु की 10, उडिय़ा की छह, बंगला की छह, मराठी की सात, तमिल की छह, असमिया की दो, मलयालम, उर्दू, पंजाबी व नेपाली की एक-एक पुस्तक सहित कल्याण के अनेक विशेषांक गीताप्रेस की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इनमें श्रीमद्भगवतगीता, श्रीरामचरितमानस, सुंदर कांड, दुर्गा सप्तशती, योग दर्शन, व्रत परिचय, ईशादि के नौ उपनिषद, गीता की तत्वविवेचनी टीका, हनुमान चालीसा आदि प्रमुख हैं।
गीताप्रेस खुला, गतिविधियां शुरू
करीब ढाई माह से बंद गीताप्रेस अब खुल गया है। गतिविधियां शुरू हो गई हैं। कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। कल्याण के अप्रैल, मई व जून के अंक के प्रकाशन की तैयारी शुरू है। अप्रैल के अंक का नमूना मंगलवार को तैयार हो गया। बुधवार से इसकी छपाई शुरू हो जाएगी। लगभग सात करोड़ की पुस्तकें छपने के लिए तैयार थीं, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका प्रकाशन नहीं हो पाया। कल्याण के अंकों के प्रकाशन के बाद उनका प्रकाशन किया जाएगा।
रायपुर भेजी गईं सौ बंडल पुस्तकें
गीताप्रेस खुलने के बाद पुस्तकों के आर्डर आने लगे हैं। पहला आर्डर रायपुर से आया था। मंगलवार को रायपुर शाखा को लगभग सौ बंडल पुस्तकें भेजी गईं। बनारस व कानपुर से भी आर्डर आए हैं। बुधवार से वहां पुस्तकें भेजी जाएंगी।
गीताप्रेस में पूरी सावधानी के साथ कार्य शुरू करा दिया गया है। बिना मास्क प्रवेश की अनुमित नहीं है। प्रवेश द्वार व हर विभाग में सैनिटाइजर रखा गया है। थर्मल स्कैङ्क्षनग के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। पुस्तकों की डिस्पैचिंग शुरू हो गई है। शीघ्र ही कल्याण के अप्रैल का अंक भी पाठकों को भेज देंगे। - लालमणि तिवारी, उत्पाद प्रबंधक, गीताप्रेस