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गोरखपुर में वाहनों के वीआइपी नंबर की आनलानइन बिक्री शुरू, आप भी खरीद सकते हैं, जानें-क्‍या है प्रक्रिया Gorakhpur News

गोरखपुर में वाहनों की नई सीरीज यूपी 53 डीजे के वीआइपी नंबरों की बिक्री 23 सितंबर से नए रेट के आधार पर शुरू हो गई है। 25 सितंबर से आनलाइन नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू होगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 01:04 PM (IST)
गोरखपुर में वाहनों के वीआइपी नंबर की आनलानइन बिक्री शुरू, आप भी खरीद सकते हैं, जानें-क्‍या है प्रक्रिया Gorakhpur News
गोरखपुर में वाहनों के वीआइपी नंबर की आनलानइन बिक्री शुरू, आप भी खरीद सकते हैं, जानें-क्‍या है प्रक्रिया Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में गाडि़यों के वीआइपी नंबर की आनलानइन नीलामी शुरू हो गई है। इसे कोई भी खरीद सकता है और मन पसंद नंबर हासिल कर सकता है। वाहन स्वामी आनलाइन आवेदन कर नए निर्धारित मूल्य पर मनपसंद नंबर हासिल कर सकते हैं। परिवहन विभाग ने वाहन-4 साफ्टवेयर पर सभी वीआइपी नंबर (फैंसी) लोड कर दिया है। दाम बढ़ाने के साथ ही परिवहन विभाग मुख्यालय ने वीआइपी नंबरों को लॉक कर दिया था।

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इस सीरीज के नंबरों की है आनलाइन बिक्री

एआरटीओ (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार गोरखपुर में वाहनों की नई सीरीज यूपी 53 डीजे के वीआइपी नंबरों की बिक्री 23 सितंबर से नए रेट के आधार पर शुरू हो गई है। 25 सितंबर से आनलाइन नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू होगी। अधिकतम बोली लगाने वाले को नंबर आवंटित किया जाएगा। जिन नंबरों की नीलामी नहीं होगी, उनकी बिक्री सामान्य आनलाइन तरीके से नए रेट पर ही होगी।

गोरखपुर में 339 वीआइपी नंबरों के तय हैं आधार मूल्य 

नई व्यवस्था के तहत 339 वीआइपी नंबरों का आधार मूल्य तय है। जिसमें अति आकर्षक श्रेणी में दस नंबर, अति महत्वपूर्ण में 46 नंबर, आकर्षक में 96 नंबर और महत्वपूर्ण पंजीयन नंबर श्रेणी में 187 नंबर शामिल  हैं। बढ़े हुए दाम पर 1111, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999 और 0786 नंबर के लिए दो पहिया वाहनों को बीस हजार व चार पहिया को एक लाख रुपये देने होंगे। शेष फैंसी नंबरों के लिए भी रेट निर्धारित है। मोटरसाइकिल के लिए सबसे कम तीन हजार और चार पहिया के लिए 15 हजार तय है।

अधिकतम 15 हजार में मिल जाते थे आकर्षक नंबर 

वीआइपी नंबर अधिकतम 15 हजार रुपये में मिल जाते थे। हालांकि, नंबरों की मारामारी को लेकर विभाग ने नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी लोग रुचि नहीं ले रहे। दो बार से गोरखपुर में एक भी नंबर नीलाम नहीं हो रहे हैं। जानकारों के अनुसार आधार मूल्य बढऩे के बाद नीलामी प्रकिया का कोई औचित्य नहीं रह गया है।  


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