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India-Nepal Relations: निर्यात पर रोक के बाद नेपाल सीमा पर शुरू हुई प्याज की तस्करी

प्‍याज के निर्यात पर रोक के बाद नेपाल सीमा पर प्याज की तस्करी शुरू हो गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 04:41 PM (IST)
India-Nepal Relations: निर्यात पर रोक के बाद नेपाल सीमा पर शुरू हुई प्याज की तस्करी
India-Nepal Relations: निर्यात पर रोक के बाद नेपाल सीमा पर शुरू हुई प्याज की तस्करी

महराजगंज, जेएनएन। प्याज के बढ़ते दाम को देखते हुए सरकार ने भारत से नेपाल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश के जारी होते ही भारत-नेपाल सीमावर्ती इलाकों में तस्करी करने वाले और सक्रिय हो गए हैं। उनको गाढ़ी कमाई का एक और नया बिजनेस मिल गया। जहां पहले नेपाल में फुटकर 35-40 रुपये बिक रही थी, अब तीन गुना उछाल आ गया है। इससे पूर्व सितंबर 2019 में भारत सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, उस समय भी प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थी। 

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भारत से प्रतिदिन 25 से 30 ट्रक प्याज नेपाल जाती थी

भारत-नेपाल की सोनौली सीमा से प्रतिदिन 25 से 30 ट्रक प्याज नेपाल जाती थी। बीते मंगलवार को भारत सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे सीमा पर खड़ी 24 ट्रकों को लौटा दिया गया। इस कारण उनके मालिक को अचानक भारी धक्का लगा। लेकिन वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले से तस्करी को अंजाम देने वालों के चेहरे खिल उठे। उनको आमदनी बढ़ाने का एक और जरिया मिल गया। सीमा से सटे घरों में तस्करी का सामान डंप करते हैं और पगडंडियों के रास्ते रातों रात उस पार पहुंचा देते हैं। वहीं नेपाल में इस काम में संलिप्त कारोबारी भी पूरा साथ देते हैं जिससे दोनों देशों के लोग मिलकर गाढ़ी कमाई करते हैं।

भारत-नेपाल की सीमा सील का लाभ उठाते हैं तस्कर

22 मार्च से लॉकडाउन घोषित होने से दोनों देशों की सीमाएं सील हैं, बावजूद प्रतिबंधित सामानों की तस्करी नहीं थम रही है, जिसकी बरामदगी ही कहानी बता रही है। सीमा सील का लाभ तस्कर उठाने में नया-नया फार्मूला आजमाते हैं। एक तरफ जहां कनाडियन मटर, नेपाली शराब, छुहारा की तस्करी कर भारत पहुंचाते हैं, वहीं खाद, बीज, दवाएं, हार्डवेयर और अब प्याज नेपाल भेजे जाते हैं।

तस्कर चाहते हैं सीमा सील रहे

भारत-नेपाल की सीमा 22 मार्च से बंद हैं, जहां दोनों देशों के छोटे-बड़े दुकानदार व व्यापारी बार्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं और वहीं हर माह तिथि बढ़ जा रही है, जिससे रोजी रोटी का जरिया समाप्त होने से उन्हें चिंता सताए जा रही है। वहीं तस्कर चाहते हैं कि सीमा सील रहे ताकि उसकी गाढ़ी कमाई होती रहे।

इन सीमावर्ती गांवों से होती है तस्करी

नौतनवा तहसील क्षेत्र में सोनौली, श्यामकाट, रेहरा, भगवानपुर, खनुआ, सुंडी, शेख फरेंदा, केवटलिया, कैथवलिया उर्फ बरगदही, हरदी डाली, मुर्दहिया घाट, आराजी सरकार उर्फ बैरिहवा, कुरवा, चंडीथान, मुड़िला, तिलहवा, चकरार, असोगवा, कनरी, झिंगटी, पिपरा, राजबारी, पढियाताल, मरजादपुर, शिवतरी, शिवपुरी, बैरिया घाट आदि गांवों से तस्करी होती है।

पुलिस ने कहा

महराजगंज के पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर किसी भी कीमत पर तस्करी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए पगडंडियों पर एसएसबी के साथ 24 घंटे गश्त बढ़ा दी गई है।

तीन बोरी प्‍याज के साथ एक गिरफ्तार

सीमस से सटे महराजगंज जिले केनौतनवा थाना क्षेत्र के छपवा चौकी प्रभारी गौरव यादव व हमराही संतोष शर्मा के साथ गुरुवार को नौतनवा थाना क्षेत्र के कोटही माई मंदिर के समीप भारत-नेपाल सीमा पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान भारत से एक युवक साइकिल से तीन बोरी प्याज के साथ नेपाल सीमा में प्रवेश करते हुए दिखाई दिया। पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पकड़े गए युवक ने अपना नाम उमेश निवासी नौतनवा बताया। थानाध्यक्ष रामचंदर राम ने बताया कि पकड़े गए आरोपित को सामान सहित नौतनवा कस्टम को अग्रिम कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया गया है।


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