गोरखपुर शहर के एक सौ निजी अस्पतालों को दिए जाएंगे मास्क, थर्मल स्कैनर व पीपीई किट Gorakhpur News
एक सौ अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सभी को कुल मिलाकर दो हजार पीपीई किट एक हजार एन 95 मास्क व 500 थर्मल स्कैनर दिए जाएंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। कुल एक सौ निजी अस्पताल सरकार की दो योजनाओं से जुड़े हैं। आयुष्मान भारत योजना से 62 व हौसला साझेदारी मिशन से 38 अस्पताल जुड़े हैं। इसमें से 10 ऐसे अस्पताल हैं जो दोनों योजनाओं में सूचीबद्ध हैं। इस तरह कुल एक सौ अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सभी को कुल मिलाकर दो हजार पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट, एक हजार एन 95 मास्क व 500 थर्मल स्कैनर प्रदान किए जाएंगे।
आयुष्मान योजना के कोरोना के मरीजों का होगा निश्शुल्क इलाज
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि अगर आयुष्मान योजना का लाभार्थी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता हैं, तो इन अस्पतालों में अपना इलाज निशुल्क करा सकता है। केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में कोविड-19 के इलाज को भी शामिल कर लिया है। अन्य इलाज तो पहले से ही शामिल हैं। डॉक्टर मरीजों का इलाज पूरी सुरक्षा के साथ कर सकें, इसलिए इन अस्पतालों को विभाग ने सुरक्षा उपकरण देने का निर्णय लिया है।
शहर में बन रहा खादी का मास्क, बनेंगे खादी के बनियान
गोरखपुर शहर में खादी वस्त्र से मास्क बनाने का काम शुरू हो गया है। इंडस्ट्रियल इस्टेट में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की ओर से संचालित केंद्र में महिलाओं ने शुक्रवार को खादी वस्त्र से मास्क बनाया। भविष्य में बनियान बनाने की भी तैयारी है। लॉकडाउन के पहले दिन से ही इस केंद्र में मास्क बनाए जा रहे हैं। पहले बुनकरों द्वारा तैयार कपड़े से मास्क बनाया जाता था। 12 महिलाएं मास्क तैयार करने के काम में लगी हैं। फेस मास्क की कटिंग कर महिलाओं को दे दिया जाता है और वे घर पर सिलाई करती हैं। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पहले उनको सिलाई में प्रशिक्षित किया गया। पहले बुनकरों से कपड़ा खरीदा जाता था लेकिन बाजार खुलने के बाद खादी के वस्त्र मिलने लगे हैं। अब खादी का ही मास्क तैयार कराया जा रहा है। सरकार की भी मंशा है कि खादी को बढ़ावा दिया जाय। गर्मी के कारण टू लेयर मास्क मुफीद है क्योंकि इसमें सांस लेना आसान है। हालांकि थ्री लेयर मास्क भी तैयार किए जा रहे हैं। अबतक सत्तर हजार से अधिक मास्क तैयार किए जा चुके हैं। सिविल डिफेंस, सेवा भारती तथा कुछ स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा भी मास्क की खरीदारी की गई है।