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देश की मान और स्वाभिमान की भाषा है हिदी

देश की मान और स्वाभिमान की भाषा हिदी है। संस्कृत से संस्कृति हिदी से हिदुस्तान है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 06:47 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 06:47 AM (IST)
देश की मान और स्वाभिमान की भाषा है हिदी
देश की मान और स्वाभिमान की भाषा है हिदी

संत कबीरनगर, जेएनएन : देश की मान और स्वाभिमान की भाषा हिदी है। संस्कृत से संस्कृति, हिदी से हिदुस्तान है। हिदी मनोभावनाओं की अभिव्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। हिदी की महत्ता किसी एक दिन या सीमित समयांतराल में व्यक्त नहीं की जा सकती है।

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सोमवार को हिदी दिवस पर जिले के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। कहीं व्याख्यान तो कहीं विचार गोष्ठी के माध्यम से हिदी भाषा की विशेषता पर प्रकाश डाला गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट पर आयोजित कार्यक्रम में हिदी की प्रवक्ता चंदन शुक्ला ने कहा कि संस्कृत से संस्कृति,अपनी हिदी से हिदुस्तान है। इसे विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि हिदी की सरलता और सरसता इसे पढ़ने के बाद समझ में आती है। इस दौरान ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, प्रभारी प्राचार्य राजेश कुमार, अखंड प्रताप सिंह, डा. रोली श्रीवास्तव, प्रवीण मिश्र, ओंकारनाथ मिश्र, अंजू देवी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने हिदी में ही कार्यालय का काम करने का संकल्प लिया। खलीलाबाद के कूड़ीलाल रुंगटा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य करुणेश ने हिदी बोली और क्षेत्रीय भाषा के बारे में व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिदी का तीसरा स्थान है। हिदी भाषा वैज्ञानिकता से भरा है। इस दौरान सुलक्षणा सिंह, दिग्विजय सिंह के अलावा अन्य आचार्यगण मौजूद रहे। वहीं एक अन्य कार्यक्रम में आरएसएस के सह जिला कार्यवाह भाष्कर मणि त्रिपाठी ने कहा कि हिदी जोड़ने वाली भाषा है। इसका अधिकाधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। मेंहदावल के जनता वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय पर भी हिदी हमारी धरोहर विषय पर व्याख्यानमाला आयोजित की गई। यहां संरक्षक गजेंद्रनाथ राय, डा. प्रवीण पांडेय, जय कुमार पांडेय के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।


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