गोरखपुर में अधिकारी के बेटे ने की आत्महत्या, जानें-क्या थी वजह Gorakhpur News
सिद्धार्थनगर में तैनात एक अधिकारी के पुत्र ने गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र में जेल बाइपास रोड पर स्थित निजी आवास में आत्महत्या कर ली।
By Edited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 01:39 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। शाहपुर क्षेत्र में जेल बाइपास रोड निवासी मत्स्य विकास अधिकारी पुष्पा त्रिपाठी और सेवानिवृत्त रेल अधिकारी दीप नारायण त्रिपाठी के पुत्र निशांत त्रिपाठी का घर में फंदे से लटका शव मिला। परिजनों की माने तो पत्नी से परिवार न्यायालय में चल रहे मुकदमे से परेशान होकर उन्होंने खुदकशी की है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है। मूल रूप से रुद्रपुर, खजनी निवासी दीप नारायण त्रिपाठी, लंबे समय से जेल बाइपास रोड पर घर बनवाकर रहते हैं। उनकी पत्नी पुष्पा सिद्धार्थनगर जिले में मत्स्य विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। निशांत (30 वर्ष) एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर पर ही रहकर मसाले का कारोबार करते थे। सोमवार रात 10 बजे घर आए और खाना खाने के बाद प्रथम तल पर स्थित अपने कमरे में सोने चले गए थे।
रात में एक बजे के आसपास पिता को कुछ अंदेशा हुआ तो बेटे के कमरे में गए। दरवाजा सटा हुआ था। अंदर से कुंडी नहीं बंद थी। दरवाजा खोल कर पिता अंदर गए तो छत के कुंडे में बंधी चद्दर के फंदे से लटक रहा उनका शव दिखा। आनन-फानन परिजन उन्हें स्थानीय नर्सिगहोम में ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पिता के मुताबिक निशांत की शादी वर्ष 2015 में हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही पत्नी से उनकी तकरार शुरू हो गई। दो साल से पत्नी मायके में रह रही है। परिवार न्यायालय में उसने मुकदमा कर रखा है। परिजनों का आरोप है कि पत्नी और उसके मायके के लागों के रवैये से परेशान होकर निशांत ने खुदकुशी की है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है। मूल रूप से रुद्रपुर, खजनी निवासी दीप नारायण त्रिपाठी, लंबे समय से जेल बाइपास रोड पर घर बनवाकर रहते हैं। उनकी पत्नी पुष्पा सिद्धार्थनगर जिले में मत्स्य विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। निशांत (30 वर्ष) एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर पर ही रहकर मसाले का कारोबार करते थे। सोमवार रात 10 बजे घर आए और खाना खाने के बाद प्रथम तल पर स्थित अपने कमरे में सोने चले गए थे।
रात में एक बजे के आसपास पिता को कुछ अंदेशा हुआ तो बेटे के कमरे में गए। दरवाजा सटा हुआ था। अंदर से कुंडी नहीं बंद थी। दरवाजा खोल कर पिता अंदर गए तो छत के कुंडे में बंधी चद्दर के फंदे से लटक रहा उनका शव दिखा। आनन-फानन परिजन उन्हें स्थानीय नर्सिगहोम में ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पिता के मुताबिक निशांत की शादी वर्ष 2015 में हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही पत्नी से उनकी तकरार शुरू हो गई। दो साल से पत्नी मायके में रह रही है। परिवार न्यायालय में उसने मुकदमा कर रखा है। परिजनों का आरोप है कि पत्नी और उसके मायके के लागों के रवैये से परेशान होकर निशांत ने खुदकुशी की है।
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