चेतावनी मिलते ही गांवों की तरफ दौड़े अफसर, एक सप्ताह में काम पूरा करने के निर्देश Gorakhpur News
14 हजार लाभार्थी शौचालय के नाम पर 16.8 करोड़ रुपये ले लिए लेकिन शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं। जिम्मेदारों की तरफ से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
गोरखपुर, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जनपद के 14 हजार लाभार्थियों द्वारा 16.8 करोड़ रुपये गटकने की खबर जागरण में प्रकाशित होने के बाद पंचायती राज विभाग में हड़कंप मच गया है। संज्ञान लेकर मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर ने पंचायती राज विभाग के अफसरों को बुलाकर उन्हें चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी अधूरे शौचालयों का निर्माण हर हाल में पूरा करा लिया जाए, अन्यथा संबंधित अफसर, ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
सोलह करोड़ रुपये भुगतान के बाद भी नहीं हुआ निर्माण
14 हजार लाभार्थी शौचालय के नाम पर 16.8 करोड़ रुपये ले लिए, लेकिन शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं। इसमें बड़े पैमाने पर लाभार्थियों द्वारा पैसा लेकर शौचालय नहीं बनाने के जिम्मेदारों की तरफ से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सीडीओ ने दिया है एक सप्ताह का मोहलत
यह मामला जब सीडीओ के संज्ञान में आया तो उन्होंने फौरन विभिन्न विकास खंडों में अधूरे कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इसके लिए एक सप्ताह का मोहलत दिया है। उनके निर्देश का असर भी हुआ।
लाभार्थियों को मिला चेक
एडीओ पंचायत जगवंश कुशवाहा भटहट के खिरियां गांव पहुंचे और लाभार्थी शांति राय को छह हजार का चेक दिया। इसके अलावा बिहारी व सावित्री देवी के वर्षों से अधूरे पड़े शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायत सचिव सरमित कुमार ने अपनी देखरेख में शुरू कराया। पंचायती राज विभाग के अफसरों ने विकास खंड बांसगांव, भटहट, गोला, बड़हलगंज व पिपराइच के अधिकांश गांवों में शौचालय निर्माण कार्य इसी सप्ताह पूरा कराने का आश्वासन सीडीओ को दिया है।
लाभार्थियों को भी एक सप्ताह का समय
मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर का कहना है कि जिन लाभार्थियों ने पैसा लेकर भी कार्य शुरू नहीं कराया है, उन्हें भी एक सप्ताह के भीतर कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। कार्य शुरू नहीं होने पर उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जनपद के सभी गांवों में बन रहे शौचालयों के निर्माण की समीक्षा की शुरू कर दी गई है।
जिला पंचायत राज अधिकारी करेंगे नियमित समीक्षा
जिला पंचायत राज अधिकारी को भी इसकी नियमित समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। सप्ताह भीतर अधूरे शौचालयों को हर-हाल में पूरा करने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों व ग्राम प्रधान को निर्देशित किया गया है। जिन गांवों में शौचालयों के निर्माण के लिए पैसे नहीं आए हैं, उनकी सूची मांगी गई है। वहां भी धन उपलब्ध कराकर शौचालय निर्माण को पूरा कराया जाएगा।