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निलंबित शिक्षकों को बर्खास्त करने से कतरा रहे हैं अफसर, जानें-क्‍या है कारण Gorakhpur News

बताते हैं कि ऐसे दागदार शिक्षकों को बने रहने के लिए विभाग के चंद अधिकारियों की मौन स्‍वीकृति है। उनकी मौन स्‍वीकृति कम खतरनाक नहीं है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 10:38 AM (IST)
निलंबित शिक्षकों को बर्खास्त करने से कतरा रहे हैं अफसर, जानें-क्‍या है कारण Gorakhpur News
निलंबित शिक्षकों को बर्खास्त करने से कतरा रहे हैं अफसर, जानें-क्‍या है कारण Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जालसाजी कर नौकरी हासिल करने वाले निलंबित शिक्षकों की बर्खास्तगी में शिक्षा विभाग के बीईओ (खंड शिक्षाधिकारी) ही बाधा बने हुए हैं। पिछले छह माह से निलंबित शिक्षकों के मामले इनके जिम्मे है, लेकिन अब तक 28 की जांच पूरी नहीं हो पाई है। इसी सुस्ती ने ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय अभियान पर ब्रेक लगा दिया है। जांच की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक वर्ष में महज 54 शिक्षक ही रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्त हुए हैं। जबकि उनके पास कई और दागदार शिक्षकों का मामला पड़ा हुआ है।

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इन ब्लाकों के हैं निलंबित शिक्षक

जनपद के निलंबित शिक्षकों में बड़हलगंज, बेलघाट, कौड़ीराम, सहजनवां, सरदारनगर, जंगल कौडिय़ा, गगहा, गोला, पाली, खजनी, पिपराइच, भटहट और ब्रह्मपुर ब्लाक में तैनात शिक्षक शामिल हैं। ज्यादातर ने कूटरचित अंक पत्र तैयार करके नौकरी हासिल की है जबकि कुछ ऐसे भी हैं, जो अपना नाम बदलकर नौकरी कर रहे हैं। नाम बदलकर नौकरी करने वाले शिक्षकों के बारे में विभाग में चर्चा है। बताते हैं कि ऐसे दागदार शिक्षकों को बने रहने के लिए विभाग के चंद अधिकारियों की मौन स्‍वीकृति है। विभाग के अधिकारियों की यह मौन स्‍वीकृति शिक्षा विभाग के लिए कम खतरनाक नहीं है।

समय से रिपोट न देना गंभीर बात

दागदार शिक्षकों के बारे में समय से रिपोर्ट न देना गंभीर बात मानी जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारियों पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह इसलिए रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं कि वह प्रभावित हैं। विभाग में इस तरह की चर्चा शिक्षकों के लिए शर्मनाक बताई जा रही है।

अब खंड शिक्षाधिकारियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्‍द्र नारायण सिंह का कहना है कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों को रिपोर्ट शुक्रवार तक उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिन बर्खास्त शिक्षकों के विरुद्ध अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं हुई है, उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर रिपोर्ट देने को कहा गया है। निर्देश न मानने वाले खंड शिक्षाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उच्‍चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।


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