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एफपीओ की तर्ज पर गोरखपुर मंडल में बनेगा ओडीओपी उत्पादक संगठन

गोरखपुर मंडल में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की तर्ज पर ओडीओपी उत्पादक संगठन बनाने की तैयारियां की जा रही हैं। एफपीओ की समस्याओं को लेकर मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर की ओर से यह निर्देश दिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 10:41 AM (IST)
एफपीओ की तर्ज पर गोरखपुर मंडल में बनेगा ओडीओपी उत्पादक संगठन
गोरखपुर में ओडीओपी उत्पादक संगठन बनाया जाएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

उमेश पाठक, गोरखपुर। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन प्रयासों की श्रृंखला में एक कड़ी जोड़ते हुए गोरखपुर मंडल में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की तर्ज पर ओडीओपी उत्पादक संगठन बनाने की तैयारियां की जा रही हैं। एफपीओ की समस्याओं को लेकर मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर की ओर से यह निर्देश दिया गया, जिसके बाद सभी जिलों में इसपर गंभीरता से काम शुरू कर दिया गया है।

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उत्पादों को बेहतर बनाने व मार्केटिंग में आएगा बदलाव

हर जिले के विशेष उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओडीओपी योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के कारण ही अब प्रदेश के सभी जिलों की अपनी अलग पहचान है। इन उत्पादों को स्थानीय से वैश्विक बनाया जा रहा है। इसके लिए ओडीओपी मार्ट बनाया गया है। ई कामर्स वेबसाइट की तर्ज पर इस मार्ट पर भी देश-विदेश में बैठा कोई व्यक्ति आर्डर दे सकता है। हाल में वर्चुअल फेयर भी कराया गया था, जिसमें 35 देशों के करीब एक हजार लोग जुड़े थे।

उत्पादक संगठन से क्या होगा फायदा

एफपीओ कई किसानों को जोड़कर तैयार किया गया संगठन है। यह एक कंपनी के रूप में काम करता है। एक साथ कई किसानों के जुड़े होने से उत्पादों की मार्केटिंग आसान हो जाती है। साथ ही यह संगठन विशेषज्ञों से संपर्क कर प्रशिक्षण भी कराते हैं, जिससे नई तकनीक व तरीकों की जानकारी भी मिलती रहती है। इसी तर्ज पर ओडीओपी उत्पादों को तैयार करने वाले शिल्पकारों को जोड़कर संगठन बनाया जाएगा और उत्पाद को बेहतर बनाने से लेकर उसकी मार्केटिंग को आसान बनाया जाएगा। उपायुक्त उद्योग आरके शर्मा कहते हैं कि मंडलायुक्त के इस निर्देश पर अमल किया जाएगा। निश्चित रूप से उत्पादक संगठन बनाने से काफी लाभ होगा।

मंडल के ओडीओपी

जिला           उत्पाद

गोरखपुर       टेराकोटा उत्पाद व रेडीमेड गारमेंट

कुशीनगर      केला फाइबर उत्पाद एवं केले के उत्पाद

देवरिया         सजावट के सामान

महराजगंज   फर्नीचर

नोट : कृषि उत्पाद के रूप में गोरखपुर से काला नमक चावल भी केंद्रीय सूची में शामिल है।

किसी भी उत्पाद  के उत्पादन के बाद उसकी मार्केटिंग भी जरूरी होती है। एफपीओ से कृषि क्षेत्र में बदलाव नजर आता है। उसी तर्ज पर ओडीओपी उत्पादक संगठन बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे काफी लाभ होगा। - जयंत नार्लिकर, मंडलायुक्त।


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