गोरखपुर में परिवार नियोजन काउंसलरों की संख्या पांच से बढ़ कर 24 हुई
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि काउंसलर की कमी दूर करने के लिए एक अछी पहल की गई है। जहां परिवार नियोजन काउंसलर नहीं थीं वहां एएनएम को प्रशिक्षित कर तैयार किया गया है। अब हमारे पास पर्याप्त काउंसर हो गई हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिवार नियोजन कार्यक्रमों को और सशक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक अनूठा प्रयोग किया है। जिले में परिवार नियोजन काउंसलर की संख्या पांच हुआ करती थी, जिससे पूरा जिला कवर नहीं हो पाता था। स्वास्थ्य विभाग ने इस कमी को पूरा करने के लिए एएनएम काउंसलर की योजना बनाई। ब्लाकों में एएनएम को काउंसलर का प्रशिक्षण दिया गया है। अब काउंसलरों की संख्या 24 हो गई है।
योग्य दंपत्ति के हर जिज्ञासा को शांत करेंगे काउंसलर
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नंद कुमार ने बताया कि काउंसलर का मुख्य कार्य निजता का ध्यान रखते हुए योग्य दंपती को परिवार नियोजन के मनपसंद साधनों का चुनाव करने में मदद करना व उनकी हर जिज्ञासा का समाधान करना है। शून्य लागत पर 19 एएनएम को प्रशिक्षित कर उन्हें काउंसलर बनाया गया है। इससे अब हर क्षेत्र में लोगों को परिवार नियोजन के बारे में प्रेरित व प्रोत्साहित किया जा सकेगा तथा उनकी हर तरह की जिज्ञासा शांत की जा सकेगी।
निर्णय लेने में मदद करते हैं काउंसलर
सरदारनगर में तैनात काउंसलर ज्योति रमा राय का कहना है कि पहले उन स्थानों पर अच्छे परिणाम आते थे, जहां परिवार नियोजन काउंसलर हुआ करते थे। अब एएनएम को भी काउंसलर का प्रशिक्षण दिए जाने से सभी सभी ब्लाकों में यह सुविधा प्राप्त होगी। काउंसिलिंग एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, इसलिए प्रत्येक क्षेत्र में काउंसलर की आवश्यकता होती है। कई बार लोग परिवार नियोजन के साधनों को बदलना या छोडऩा चाहते हैं, ऐसे में काउंसलर उन्हें सही जानकारी प्रदान करती हैं और निर्णय लेने में मदद करती हैं। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि काउंसलर की कमी दूर करने के लिए एक अ'छी पहल की गई है। जहां परिवार नियोजन काउंसलर नहीं थीं, वहां एएनएम को प्रशिक्षित कर तैयार किया गया है। अब हमारे पास पर्याप्त काउंसर हो गई हैं। इससे लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में में मदद मिलेगी।