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Indian Railway: अब नेपाल सीमा तक दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, सीआरएस की हरी झंडी

गोरखपुर से नेपाल सीमा के नौतनवा तक जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। आनंदनगर से नौतनवा के बीच विद्युतीकरण और रेल लाइनों का निरीक्षण करने के बाद रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान ने नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 11:25 AM (IST)
Indian Railway: अब नेपाल सीमा तक दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, सीआरएस की हरी झंडी
गोरखपुर से नेपाल सीमा के नौतनवा तक जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें चलेंगीं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर से नेपाल सीमा के नौतनवा तक जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। आनंदनगर से नौतनवा के बीच विद्युतीकरण और रेल लाइनों का निरीक्षण करने के बाद रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान ने शनिवार को देर शाम नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी। उनकी हरी झंडी मिलते ही लखनऊ मंडल प्रशासन ट्रेन संचालन को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

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स्पीड ट्रायल के बाद सीआरएस ने दी आनंदनगर से नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति

रेल संरक्षा आयुक्त ने आनंदनगर से नौतनवा के बीच 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल किया था। 25000 वोल्ट एसी नई विद्युतकर्षण लाइन, रेल लाइनों, पुलों और कर्व आदि के मानकों को परखने के बाद उन्होंने संतुष्टि जताई थी। यहां जान लें कि गोरखपुर से आनंदनगर तक लगभग 42 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण पहले ही हो चुका है।

नेपाल को निर्यात किए जाने वाले आटोमोबाइल्स की ढुलाई होगी आसान

आनंदनगर तक इलेक्ट्रिक से चलने वाली मालगाड़ियों का संचालन शुरू है। अब नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनों के चलने से गोरखपुर में इंजन बदलने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। नेपाल को निर्यात किए जाने वाले आटोमोबाइल्स व अन्य सामानों की ढुलाई आसान हो जाएगी। नौतनवा स्टेशन का भी कायाकल्प हो रहा है।

नए साल में पूरा हो जाएगा आनंदनगर-गोंडा रूट का विद्युतीकरण

आनंदनगर- बढ़नी-गोंडा रेलमार्ग का विद्युतीकरण भी तेज हो गया है। नए साल में मार्च तक कार्य पूरा हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे में 75 फीसद से अधिक रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। रेल मंत्रालय ने 2023 तक सभी रेलमार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इस रूट पर पहले से ही चल रही हैंं इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें

पूर्वोत्तर रेलवे में बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-भटनी-वाराणसी, छपरा-बलिया-वाराणसी और गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर पहले से ही इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली ट्रेनें फर्राटा भर रही हैं।


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