गोरखपुर-नौतनवां रेलमार्ग पर अब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें Gorakhpur News
गोरखपुर-आनंदनगर के बीच ट्रेनें पहले से ही 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। अब आनंदनगर से नौतनवां के बीच भी रेलवे ने 100 की रफ्तार को हरी झंडी दे दी है।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे में भी ट्रेनों की रफ्तार बढऩे लगी है। लखनऊ मंडल के गोरखपुर-नौतनवां रेलमार्ग पर अब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। अभी तक अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं।
अभी सिर्फ आनंदनगर तक इस रफ्तार में रहतीं हैं ट्रेनें
गोरखपुर-आनंदनगर के बीच ट्रेनें पहले से ही 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। अब आनंदनगर से नौतनवां के बीच भी रेलवे ने 100 की रफ्तार को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए आनंदनगर- नौतनवां 40 किलोमीटर रेलमार्ग की पटरियों और स्लीपर को भी बदल दिया गया है। रेल मार्ग पर 52 किलोग्राम की जगह 60 किलोग्राम वजन वाली रेल लाइनें लगाई गई हैं। पटरियों के नीचे बैलास्ट की (पत्थर के टुकडे) की छनाई कर आधुनिक मशीनों से पैकिंग कराई गई है। ताकि पटरियों और स्लीपर को पर्याप्त मजबूती मिल सके।
110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर हुआ परीक्षण
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार आनंदनगर-नौतनवां रेल खंड पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर परीक्षण किया गया है। परीक्षण के दौरान राइडिंग क्वालिटी भी संतोषजनक पाई गई। गोरखपुर-पनियहवा रेलखंड पर भी रेल लाइनें और स्लीपर बदले जा रहे हैं।
19 फीसद बढ़ जाएगी ट्रेनों की रफ्तार
संरक्षा और सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे की सभी पुरानी रेल लाइनें और स्लीपर बदले जाएंगे। रेलवे प्रशासन की कवायद पूरी होते ही ट्रेनों की रफ्तार 19 फीसद बढ़ जाएगी। रफ्तार बढऩे से समय पालन में सुधार आएगा। यात्री कम समय में सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच जाएंगे।
समाप्त हो जाएगी 593 पुनर्नियोजित कर्मियों की सेवा, सरेंडर होंगे पद
पूर्वोत्तर रेलवे में इस सप्ताह री-इंगेजमेंट स्कीम के तहत विभिन्न विभागों में पुनर्नियोजित कर्मचारी के रूप में तैनात 593 सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की सेवा समाप्त हो जाएगी। लखनऊ और वाराणसी मंडल के अलावा यांत्रिक कारखाना व कार्मिक विभाग के पुनर्नियोजित कर्मी हटा दिए गए हैं। अन्य विभागों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभागीय जानकारों का कहना है कि जिन पदों पर पुनर्नियोजित कर्मचारी तैनात थे, वे पद भी सरेंडर कर दिए जाएंगे।