अब नकहा स्टेशन पर बेवजह नहीं खड़ी होंगी गाडिय़ां Gorakhpur News
दरअसल गोरखपुर-नकहा के बीच सिंगल लाइन होने के चलते दिल्ली और मुंबई से आने वाली ट्रेनें ही नहीं इंटरसिटी पैसेंजर और डेमू भी नकहा में आकर घंटो खड़ी हो जाती हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। आने वाले दिनों में नकहा रेलवे स्टेशन पर बिना वजह गाडिय़ां नहीं खड़ी होंगी। गोरखपुर से नकहा रेल लाइन का दोहरीकण से शुरू हो गया है। रेल लाइन के किनारे मिट्टी भराई और छोटे पुल का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रेलवे ने वर्ष 2021 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मिट्टी का कार्य पूरा
लगभग छह किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के किनारे अभी तक 60 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी का कार्य पूरा कर लिया गया है। कुल एक लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी गिराई जानी है। एक छोटा पुल बनाया जाना है। इसके अलावा नकहा जंगल का विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण भी किया जाना है। इसके तहत प्लेटफार्म संख्या एक को मानीराम की तरफ 100 मीटर तक बढ़ाकर ऊंचा किया जाएगा। प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 भी ऊंचा होगा। इन प्लेटफार्मों पर मानीराम की तरफ 305 मीटर लंबी नई लाइन भी बिछाई जाएगी। दरअसल, गोरखपुर-नकहा के बीच सिंगल लाइन होने के चलते दिल्ली और मुंबई से आने वाली ट्रेनें ही नहीं इंटरसिटी, पैसेंजर और डेमू भी नकहा में आकर घंटो खड़ी हो जाती हैं। आम यात्री परेशान होते हैं। नकहा में माल गोदाम होने के चलते मालगाडिय़ों का संचलन भी प्रभावित होता।
डोमिनगढ़-गोरखपुर-कुसम्ही तीसरी लाइन का कार्य भी तेज
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार डोमिनगढ़-गोरखपुर-कुसम्ही के बीच नई तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य भी तेजी के साथ चल रहा है। 21.5 किमी लंबी इस रेल लाइन की स्वीकृति वर्ष 2016-17 में स्वीकृति मिली थी। निर्माण कार्य के लिए 186.85 करोड़ की अनुमानित लागत भी स्वीकृत हो गई है। डोमिनगढ़-गोरखपुर-कुसम्ही तीसरी लाइन व गोरखपुर-नकहा दोहरीकरण पूरा हो जाने के बाद गोरखपुर जंक्शन का यातायात दबाव कम हो जाएगा। मालगाडिय़ों को नकहा तक ले जाने में भी आसानी होगी। यात्री ट्रेनों का संचलन भी निर्बाध गति से होगा।
सीआरएस ने किया गोंडा-सुभागपुर रेलखंड के विद्युतीकरण का निरीक्षण
रेल संरक्षा आयुक्त सीआरएस ने गुरुवार को पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के गोंडा-सुभागपुर रेलखंड के विद्युतीकरण का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इलेक्ट्रक इंजन से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल भी किया। उनकी हरी झंडी मिलते ही इस रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचलन शुरू हो जाएगा।