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स्कार्पियों में बैल, इंडिका में भरकर ले जा रहे बकरी

पुलिस की सख्‍ती के बाद पशु तस्‍करों ने तस्‍करी का दूसरा रास्‍ता निकाल लिया है। तस्‍कर अब छोटे वाहनों में पशुओं की तस्‍करी कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:54 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 10:01 AM (IST)
स्कार्पियों में बैल, इंडिका में भरकर ले जा रहे बकरी
स्कार्पियों में बैल, इंडिका में भरकर ले जा रहे बकरी

गोरखपुर, जेएनएन। दक्षिणांचल में पशु तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। स्कार्पियों में बैल तो इंडिका में बकरी लादकर पशु तस्कर उठा ले जा रहे हैं। पशु तस्कर परंपरागत ट्रकों व पिकप के साथ अब लग्जरी वाहनों का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि थोड़े से धन की लालच में इस धंधे में कम पढ़ी लिखी महिलाओं व ब"ाों को भी तस्कर धकेल दे रहे हैं, जिससे उनका भविष्य चौपट हो रहा है। बड़हलगंज कस्बे के पटना चौराहे से लेकर दोहरीघाट पुल व कपरवार घाट के अग्रसेन सेतु तक लगातार पशु लदे वाहनों का पकड़ा जाना, इस बात की गवाही है कि पशुओं को बिहार के रास्ते बंगाल भेजने का कार्य अनवरत जारी है।

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सिर्फ कैरियर ही लगते हैं पुलिस के हाथ

क्षेत्र में पशु तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। जाड़े के दिनों में कोहरे का लाभ उठाकर पशु तस्कर गांव-देहात व कस्बों के आसपास से पशुओं को इकत्र कर लेते हैं। रात में ट्रकों व लग्जरी वाहनों में उनको लाद लिया जाता है। जांच के दौरान पुलिस पशुओं के गोबर और मूत्र से उनके वाहनों में होने का अंदाजा लगाती है लेकिन पुलिस से दो कदम आगे तस्कर पशुओं का मल-मूत्र सड़क पर गिरने ही नहीं देते। भीतर से कोई रिसाव नहीं होने पर कच्‍चा माल बताकर तस्करी वाले वाहन आसानी से निकल जाते हैं। जांच के दौरान पुलिस सिर्फ कैरियरों को पकड़ पाती है। अक्सर पकड़े गए पशुओं की देखभाल का इंतजाम नहीं होने से उनको पुलिस गांव के लोगों को सौंप देती है। ऐसे में कई बार वही पशु दोबारा तस्करों के हाथ लग जाते हैं। धनौली निवासी परमानंद दुबे, महुलिया के अरुण दुबे, सुरदापार के डा. बीके राय, ककरही के सुधीर शुक्ल, मेहड़ा के शैलेश तिवारी आदि का कहना है कि अगर पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस खुद को तैयार कर ले तो रोक सकती है लेकिन पुलिस जानबूझ कर इसे रोकना नहीं चाहती, क्योंकि तस्करी रुकने पर पुलिस की जेब ढीली हो जाएंगी।

ऐसे हो रही तस्‍करी

- बीते वर्ष नौ दिसंबर को बड़हलगंज कोतवाली पुलिस बड़हलगंज-बरहज रामजानकी मार्ग पर टेढिय़ा बंधे के पास वाहन चेङ्क्षकग कर रही थी। उससी दौरान स्कार्पियों आती दिखी। पुलिस को देखते ही चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने गाड़ी का फाटक खोला तो उसमें पिछली सीट निकालकर पैर बंधे दो बैल मिले।

- बीते पहली जनवरी को बड़हलगंज कस्बा के पटना चौराहे पर पुलिस वाहन जांच कर रही थी। इसी दौरान गोला से दोहरीघाट की ओर जा रही स्कार्पियों की पिछली सीट निकालकर तीन बैल लदे मिले। चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया।

- बीते पहली अगस्त की रात को बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के जमीन शुक्ल गांव में स्कार्पियों में भैंस लादकर भाग रहे पशु तस्करों को ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। घबराहट में चालक गाड़ी खेत में लेेकर चला गया और फंस गया। अपने को फंसता देख पशु तस्कर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए।

- बीते 30 अगस्त को गगहा थाना क्षेत्र के नर्रे गांव में ग्रामीणों ने घेराबंदी कर नौ गायों को लादकर जा रहे पिकप के टायर में गोली मारकर पकड़ लिया। पिकप के साथ चल रहे बोलेरो में चालक व पशु तस्कर भागने में सफल रहे, जिसमें एक महिला तस्कर के पूरे गैंग का खुलासा हुआ था।

- बीते तीन सितंबर को गगहा के बासूडीहा में पशु तस्कर पिकअप पर दो गाय व दो बछड़ा लादकर भागने के फिराक में थे लेकिन पुलिस की घेराबंदी के चलते पशु तस्कर पिकप, पशु व बॉक्सर मोटरसाइकिल छोड़कर फरार हो गए।

- बीते 24 सितंबर को बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के बड़हलगंज-बरहज रामजानकी मार्ग पर गायघाट के पास इंडिका कार से बकरी की चोरी की जा रही थी। ग्रामीणों ने बकरी पकड़ रहे दो ब"ाों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि पशु तस्कर व उसकी महिला साथी कार लेकर भागने में सफल रहे।

- बीते 31 अक्टूबर की रात बड़हलगंज कोतवाली पुलिस ने बड़हलगंज- बरहज रामजानकी मार्ग के राप्ती नदी पर बने अग्रसेन सेतु पर डाक पार्सल लिखे कंटेनर को पकड़ा, जिसमें 28 बैल लदे हुए थे। चालक व पशु तस्कर भागने में सफल रहे।

- शनिवार की रात गगहा थाने के पास एसपी साउथ ने पिकप पर लदी पांच भैंस को पकड़कर गगहा पुलिस को सौंप दिया, जिसमें पांच लोग गिरफ्तार भी किए गए।

ठंड में बढ़ जाती है तस्‍करी

गोरखपुर दक्षिणी के पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्‍तव ने बताया कि ठंडक का सीजन शुरू होते ही पशु तस्करी में तेजी आ जाती है। हम लोग कार्य योजना बनाकर प्रभावी रोक लगाने में लगे हुए हैं। जल्दी ही कार्य योजना का असर दिखने लगेगा।


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