सिद्धार्थनगर में अब हुआ 20 बेड का पीकू वार्ड, लगाया जाएगा आक्सीजन प्लांट
सिद्धार्थनगर के बेवां सीएचसी में तीन बेड वाले पीकू वार्ड की क्षमता बढ़ाकर 20 बेड की जाएगी। बेड टू बेड आक्सीजन सप्लाई के लिए प्लांट स्थापित किया जाएगा। बाल रोग विशेषज्ञ की कमी से निपटने के लिए महकमा सभी चिकित्सकों व नर्स को प्रशिक्षण भी देने जा रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर जिले के बेवां सीएचसी में तीन बेड वाले पीकू वार्ड की क्षमता बढ़ाकर 20 बेड की जाएगी। बेड टू बेड आक्सीजन सप्लाई के लिए प्लांट स्थापित किया जाएगा। बाल रोग विशेषज्ञ की कमी से निपटने के लिए महकमा सभी चिकित्सकों व नर्स को बाल रोग संबंधित विशेष प्रशिक्षण भी देने जा रहा है। जागरण ने आठ जून के अंक में तीन बेड व एक चिकित्सक पर 40 हजार बच्चों की जिम्मेदारी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद इंतजाम शुरू किए गए हैं।
बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है कोरोना की तीसरी लहर
कोविड की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। बच्चों पर हमले से निपटने के लिए महकमा अब कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। कोविड की तीसरी लहर में संक्रमितों को उनके तहसील क्षेत्र में इलाज व जरूरत के समय पर आक्सीजन कि कमी आड़े नहीं आएगी। बेवां में पहले से स्थापित तीन बेड के पीकू वार्ड को 20 वार्ड का बनाया जा रहा है। प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की कमी से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिए जाने की तैयारी चल रही है।
मिलेगा प्रशिक्षण
विज्ञानियों के अनुसार आठ सप्ताह में तीसरी लहर के फैलने की आशंका है। सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों को होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चों के डाक्टर की आवश्यकता पड़ेगी। विभाग कार्यरत चिकित्सकों व स्टाफ नर्स को जिला मुख्यालय पर तीन-तीन दिन का प्रशिक्षण देगा, ताकि बच्चों के संक्रमित होने पर सही से इलाज की सुविधा मिल सके। सीएचसी अधीक्षक डा. वीएन चुतर्वेदी ने कहा कि उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में सभी इंतजाम पूरे किए जा रहे हैं।
टीकाकरण के महत्व की दी वर्चुअल जानकारी
परिषदीय शिक्षकों को वर्चुअल कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। लोगों को टीकाकरण में सहयोग करने का निर्देश खंड शिक्षाधिकारी अभिमन्यु ने दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना काल के चलते काफी दिनों से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए सरकार ई-पाठशाला , दूरदर्शन, वाट्सएप आदि माध्यम से शैक्षणिक पठन- पाठन सामग्री पहुंचाने का काम कर रही है। यूनिसेफ के जिला समन्वयक अमित शर्मा ने कहा कि कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र रास्ता है। जनसंचारी रोग से बचाव के लिए साफ- सफाई की जरूरत है।