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अब विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का होगा सत्यापन Gorakhpur News

शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन उन बोर्डों या विश्वविद्यालयों से करा लेने के लिए कहा गया है जहां वे जारी किए गए हैं। सत्‍यापन की पूरी रिपोर्ट उपलब्‍ध कराने को कहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 08:30 AM (IST)
अब विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का होगा सत्यापन Gorakhpur News
अब विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का होगा सत्यापन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रमाण पत्रों की जांच बाद के अब विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाएगा। शासन ने सत्यापन की जिम्मेदारी उन शिक्षण संस्थाओं को ही सौंप दी है, जहां शिक्षक कार्यरत हैं। इसको लेकर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। उनसे कहा गया है कि वे अपने यहां कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन उन बोर्डों या विश्वविद्यालयों से करा लें, जहां वे जारी किए गए हैं। सत्‍यापन की पूरी रिपोर्ट उपलब्‍ध कराने को कहा है।

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अभी तक नहीं हुई थी जांच

इससे पूर्व शासन के निर्देश पर सभी जनपदों में गठित जांच कमेटियों ने शिक्षकों का भौतिक सत्यापन करने के साथ-साथ उनके सेवा संबंधी अभिलेखों एवं शैक्षिक अभिलेखों की जांच की थी। इसके तहत सभी अभिलेखों की मूल प्रतियों का मिलान किया गया था। अब तक विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों या प्रमाणपत्रों का सत्यापन, उन्हें जारी करने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय से नहीं कराया जाता था। यह पहला वाकया है जब इस तरह जांच की जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों के मिलने के बाद शासन ने महाविद्यालयों और विश्‍वविद्यालयों में भी शिक्षकों के सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराने की जरूरत महसूस की। अब यह देखना होगा कि इसमें ऐसे कितने शिक्षक मिलते हैं। कोई फर्जी शिक्षक मिलता है अथवा नहीं, यह विश्‍वविद्यालय की निष्‍पक्षता पर निर्भर करता है।

जांच के बाद भेजी जा चुकी है रिपोर्ट

शासन के निर्देश पर गोरखपुर विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध महाविद्यालयों में तैनात लगभग पांच सौ शिक्षकों की जांच के लिए गठित जनपदीय समिति द्वारा जुलाई माह में प्रमाण पत्रों की जांच की गई। जांच के बाद रिपोर्ट निर्धारित तिथि 31 जुलाई तक शासन को भेज दी गई। गोरखपुर के क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी डा.अश्विनी मिश्रा का कहना है कि निदेशक उच्च शिक्षा के निर्देश के क्रम में गोरखपुर विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों को प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए पत्र भेज दिया गया है। उन्हें शीघ्र सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।


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