अब महिला पुलिसकर्मी ही सुनेंगी महिलाओं की समस्या
शासन की ओर से हर थाने में आगंतुक कक्ष और महिला हेल्प डेस्क शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए हर थाने में कम्प्यूटर टेलीफोन मोबाइल फोन व कैमरे से युक्त रिसेप्शन बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। नारी सुरक्षा और सम्मान के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए मिशन शक्ति के तहत कुशीनगर के थानों में महिला हेल्प डेस्क बना दी गई है। अब महिला पुलिसकर्मी ही महिलाओं की फरियाद सुनेंगीं।
शासन के निर्देश पर थानों में हुआ हेल्प डेस्क का गठन
शासन की ओर से हर थाने में आगंतुक कक्ष और महिला हेल्प डेस्क शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए हर थाने में कम्प्यूटर, टेलीफोन, मोबाइल फोन व कैमरे से युक्त रिसेप्शन बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यहां शिकायतकर्ता को लिखने के लिए कागज व कलम की व्यवस्था होगी। हर समय दो महिला सिपाही डेस्क पर तैनात रहेंगी, जो थाने पहुंची पीडि़त महिलाओं की सुन त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगी। महिला थाने को छोड़ अन्य थानों में अब तक महिला पीडि़तों की सुनवाई के लिए अलग व्यवस्था नहीं थी। इससे कई बार महिलाओं को पुरूष पुलिसकर्मी या अधिकारी के समक्ष अपनी बात रखने में असुविधा होती थी।
मिलेगा बचाव का प्रशिक्षण
-समस्या लेकर थाने पहुंची महिलाओं को महिला हेल्प डेस्क प्रशिक्षित भी करेगा। ताकि जरूरत पडऩे पर वे अपना बचाव कर सकें।
यह होगी व्यवस्था
कॉच के पारदर्शी बने महिला हेल्प डेस्क कमरे में बिजली, पंखा और पीने के पानी का भी इंतजाम होगा। कम्प्यूटर पर शिकायतें दर्ज होंगी और टोकन नंबर मिलेगा। एक कर्मचारी फरियादी को पानी या चाय देगा। हर 15 दिन में सीओ व प्रतिदिन थाना प्रभारी समीक्षा करेंगे। कक्ष में अधिकारी, कर्मचारी के नाम व नंबर लिखे होंगे। डिजिटल वालंटियरों के नाम व नंबर भी होंगे। टोकन नंबर के जरिये शिकायतकर्ता पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में आसानी से जानकारी कर सकेगा। एएसपी एपी सिंह का कहना है कि महिला थाना समेत सभी 18 थानों में महिला हेल्प डेस्क बना दिया गया है। महिला पीडि़तों की सुनवाई के लिए हर समय दो महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। नारी सुरक्षा व सम्मान को लेकर जिले की पुलिस दिन-रात सजग व सक्रिय है।
पुलिस उच्चाधिकारियों को पत्रक भेज मुकदमा न दर्ज करने की शिकायत
सेवरही थाना क्षेत्र के राजपुर बगहां गांव निवासी रंजीत शर्मा ने पुलिस उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेज आरोपितों के खिलाफ मुकदमा न दर्ज करने की शिकायत की है। उसका कहना है कि तीन आरोपितों ने उसे व साथी को बुरी तरह मारा-पीटा व जान लेने के प्रयास से पिस्टल से गोली मारी लेकिन सौभाग्य से पीडि़त बच गया। एक सप्ताह बाद भी तरयासुजान पुलिस ने मामला पंजीकृत नहीं किया।