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अब छोटे स्टेशनों पर आसान होगा ट्रेनों में चढऩा, यह है रेलवे की नई व्‍यवस्‍था Gorakhpur News

अब छोटे स्टेशनों पर भी ट्रेनों में चढऩे-उतरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यात्रियों के लिए रेलवे नई व्‍यवस्‍था करने जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 12:13 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 03:09 PM (IST)
अब छोटे स्टेशनों पर आसान होगा ट्रेनों में चढऩा, यह है रेलवे की नई व्‍यवस्‍था Gorakhpur News
अब छोटे स्टेशनों पर आसान होगा ट्रेनों में चढऩा, यह है रेलवे की नई व्‍यवस्‍था Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। अब छोटे स्टेशनों पर भी ट्रेनों में चढऩे-उतरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। बुजुर्ग, महिला, बच्‍चे और मरीज आसानी से ट्रेनों में चढ़ और उतर सकेंगे। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे के बी और सी श्रेणी के छोटे स्टेशन भी उच्‍चीकृत किए जाएंगे। यानी मुख्य प्लेटफार्मों को ऊंचा बनाया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

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छोटे स्टेशन न सिर्फ उच्‍चीकृत होंगे, बल्कि मॉडल के रूप में विकसित भी होंगे। यात्री सुविधाओं का भी विकास होगा। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे में हाई लेवल के 305 प्लेटफार्म तैयार हो चुके हैं। और 88 प्लेटफार्म हाई लेवल के बनाए जाने हैं। गौरीबाजार सहित अन्य छोटे स्टेशनों पर निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका है।

दरअसल, पूर्व में बने छोटे स्टेशनों के प्लेटफार्म बहुत नीचे होते हैं। इसके चलते यात्रियों को ट्रेनों में चढऩे और उतरने में परेशानी होती है। महिला, बुजुर्ग और मरीजों को सर्वाधिक परेशानी होती है। यही नहीं, स्टेशनों पर पर्याप्त यात्री सुविधाओं का भी अभाव रहता है। पूर्वोत्तर रेलवे में छोटे-बड़े कुल 505 स्टेशन हैं।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार छोटे स्टेशनों को भी मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। बिजली, पानी और प्रसाधन केंद्रों का समुचित विकास किया जा रहा है। गोरखपुर जंक्शन को भी विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। प्लेटफार्मों और स्टेशन परिसर का कायाकल्प शुरू हो गया है। यात्री सुविधाओं का भी विकास जारी है।

पेडेस्टल के जरिये तैयार होंगे प्लेटफार्म, प्रभावित नहीं होंगी ट्रेनें

प्लेटफार्मों का निर्माण पेडेस्टल (छड़, सीमेंट और कंकरीट से तैयार एक का सांचा) के जरिये हो रहा है। प्लेटफार्म के किनारे और रेल लाइन की तरफ पेडेस्टल ही लगाए जा रहे हैं। इससे ट्रेनों का संचलन प्रभावित नहीं हो रहा। निर्माण कार्य के दौरान ट्रेनों का ब्लाक नहीं लेना पड़ेगा। इससे प्लेटफार्म मजबूत तो बनेंगे ही मरम्मत आदि से भी छुटकारा मिलेगा।


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