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अब केवल 15 दिन में बन जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस, RTO ने की यह तैयारी Gorakhpur News

गोरखपुर में अब महज 15 दिन में ही ड्राइविंग लाइसेंस बनकर तैयार हो जाएगा। संभागीय परिवहन विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:39 PM (IST)
अब केवल 15 दिन में बन जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस, RTO ने की यह तैयारी Gorakhpur News
अब केवल 15 दिन में बन जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस, RTO ने की यह तैयारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। लर्निंग हो या परमानेंट, अब महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। महज 15 दिन में ही लाइसेंस बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए संभागीय परिवहन विभाग ने टेस्ट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ा दी है। 

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कंप्यूटर सिस्टम में 260 की जगह अब 320 का स्लॉट

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार लर्निंग लाइसेंस के लिए कंप्यूटर सिस्टम में 260 की जगह अब 320 का स्लॉट तैयार किया गया है। यानी रोजाना 320 अभ्यर्थी टेस्ट में बैठ सकेंगे। इससे अभ्यर्थियों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्हें 15 दिन के अंदर ही टेस्ट के लिए समय मिल जाएगा। टेस्ट में कम अभ्यर्थियों के बैठने से आवेदकों को समय के लिए इंतजार करना पड़ता था। परमानेंट लाइसेंस के लिए भी सिस्टम में 320 अभ्यर्थियों का स्लॉट तैयार किया गया है।

अभ्यर्थियों को राहत तो मिलेगी ही, पारदर्शिता भी बढ़ेगी

इसमें 260 सीट समय से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित है। शेष 60 सीट अचानक आवेदन करने वाले या समय पर नहीं पहुंचने वाले अभ्यर्थियों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। इस नई व्यवस्था से अभ्यर्थियों को राहत तो मिलेगी ही, पारदर्शिता भी बढ़ेगी। अभ्यर्थी बिचौलियों के फेर में नहीं फंसेंगे। 

आवेदन करने के बाद भी नहीं मिल पा रही थी टेस्ट की तारीख

दरअसल, लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद भी टेस्ट की तारीख नहीं मिल पा रही थी। एक माह बाद टेस्ट की तारीख मिलने पर अधिकतर आवेदक भूल जाते थे। उन्हें फिर से आवेदन करना पड़ता था। यही नहीं टेस्ट की तारीख नहीं मिलने पर अभ्यर्थी घबराकर बिचौलियों के जाल में फंस जाते थे। इससे जेब ढीली करनी पड़ती थी। 

दलालों के चंगुल में फंसते थे वाहन चालक

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आने वाले लोग यहां दलालों के चंगुल में फंसते थे। इससे इनका आर्थिक शोषण होता था। आरटीओ परिसर में सक्रिय दलाल मोटी रकम लेकर परीक्षा कराते थे और ड्राइविंग लाइसेंस भी जुगाड़ लगाकर बनवाते थे। स्थिति यह थी कि बिना दलालों के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंब बनवाना कठिन होता था। अब इस नई व्‍यवस्‍था ने लोगों को काफी राहत मिलेगी।


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