Coronawa effect: अब पढ़ाई के साथ ही स्कूलों में आइसोलेशन वार्ड,शहर के दो स्कूलों में व्यवस्था
यह व्यवस्था की है शहर के स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज व जेपी एजुकेशन एकेडमी ने। यहां क्रमश तीन और दो बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है जो इलाज के जरूरी उपकरणों से लैस हैं।विशेषज्ञ के रूप में नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोनाकाल में पहली बार 19 अक्टूबर से स्कूल खुल रहे हैं। इसको लेकर सरकारी से लेकर निजी विद्यालयों ने अपने-अपने स्तर से तैयारी कर रखी है। इस बीच शहर में दो ऐसे निजी विद्यालय हैं, जिन्होंने अपने यहां तीन-तीन बेड के आइसोलेशन वार्ड भी बनाए हैं। यहां आक्सीजन सिलेंडर से लेकर इलाज के अन्य इंतजाम किए गए हैं। स्कूल आने के बाद बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी होने पर स्कूल में ही प्राथमिक उपचार मिल सकेगा।
यह व्यवस्था की है शहर के स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज व जेपी एजुकेशन एकेडमी ने। स्टेपिंग स्टोन में तीन बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जो इलाज के जरूरी उपकरणों से लैस हैं। कोविड-19 के मद्देनजर विशेषज्ञ के रूप में नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। जिस दिन स्कूल खुलेगा वह उस दिन से उपलब्ध रहेंगे। डाक्टरों से भी विद्यालय प्रबंधन ने टाइअप कर लिया गया है। जरूरत पडऩे वह आनकाल उपलब्ध होंगे। विद्यालय आकर इलाज करेंगे, ताकि बच्चें को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसी प्रकार जेपी एजुकेशन में भी आइसोलेशन वार्ड में दो बेड, आक्सीजन सिलेंडर, डेंटल चेयर आदि सुविधाएं एक अलग कमरे में की गईं हैं। कोविड 19 को देखते हुए यहां भी डाक्टर परामर्श के लिए ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे।
यहां तीन बेड का आइसोलेशन वार्ड
स्टेपिंग स्टोन इंटर कालेज के निदेशक राजीव गुप्ता का कहना है कि शासन के निर्देश पर 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से बारहवीं तक के स्कूल खुल रहे हैं। कोरोना को देखते हुए स्कूल आने वाले छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसको देखते हुए तीन बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यह वार्ड प्राथमिक उपचार की सभी जरूरी सुविधाओं से लैस है।
दो बेड के साथ जरूरी सुविधाएं उपलब्ध
जेपी एजुकेशन एकेडमी के निदेशक डा. सलील के श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूल खुल रहे हैं। ऐसे में कोविड-19 से बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल में ही एक कमरे को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। यहां दो बेड के साथ-साथ अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, ताकि किसी भी बच्चें को परेशानी होने पर तत्काल उपचार हो सके।