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अब सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगी EPF की सुविधा, विभाग ने शुरू की पहल Gorakhpur News

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से कुल 340 महाविद्यालय संबद्ध हैं लेकिन अभी सिर्फ 28 महाविद्यालयों के ही शिक्षकों-कर्मचारियों के ईपीएफ खाते खुल पाए हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 08:40 AM (IST)
अब सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगी EPF की सुविधा, विभाग ने शुरू की पहल Gorakhpur News
अब सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगी EPF की सुविधा, विभाग ने शुरू की पहल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) संगठन ने अब सभी महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को ईपीएफ के जरिये सामाजिक सुरक्षा देने की पहल तेज कर दी है। कुलपति को पत्र भेजा जा रहा है कि सभी महाविद्यालयों को अपने शिक्षकों व कर्मचारियों का ईपीएफ खाता खोलने के लिए निर्देशित किया जाए।

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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से संबद्ध हैं 340 महाविद्यालय

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से कुल 340 महाविद्यालय संबद्ध हैं लेकिन अभी सिर्फ 28 महाविद्यालयों के ही शिक्षकों-कर्मचारियों के ईपीएफ खाते खुल पाए हैं। ईपीएफ कार्यालय ने प्रवर्तन अधिकारियों को भेजकर महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों-कर्मचारियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। साथ ही क्षेत्रीय आयुक्त ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर भी इस संबंध में महाविद्यालयों को निर्देश देने का अनुरोध किया है। कुलपति ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र भेज दें, उसे कार्य परिषद की बैठक में पास कराने के बाद सभी महाविद्यालयों को निर्देश दे दिए जाएंगे।

20 कर्मचारियों पर ईपीएफ अनिवार्य

जिस भी संस्थान में 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। संस्था को उनका ईपीएफ खाता खोलवाना अनिवार्य है। ईपीएफ में स्थायी व अस्थायी सभी प्रकार के कर्मचारी शामिल होते हैं। ईपीएफ के लिए न्यूनतम वेतन भी निर्धारित नहीं है, जिसका जितना वेतन है, उसी के हिसाब से ईपीएफ अंशदान कटेगा।

कुलपति से किया गया है अनुरोध

इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त मनीष मणि का कहना है कि महाविद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों के ईपीएफ खाते खोलवाने की कोशिश की जा रही है। कुलपति से मिलकर भी इस संबंध में महाविद्यालयों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। हमारे प्रवर्तन अधिकारी भी महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों-कर्मचारियों का ब्योरा जुटा रहे हैं।


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