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सात लाख नहीं सिर्फ पांच हजार रुपये की हुई थी लूट

बैंक से रुपये निकाल केंद्र जाते समय संचालक ने रास्ते में रुककर घर भेज दिए थे सात लाख

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 11:15 PM (IST)
सात लाख नहीं सिर्फ पांच हजार रुपये की हुई थी लूट
सात लाख नहीं सिर्फ पांच हजार रुपये की हुई थी लूट

सात लाख नहीं सिर्फ पांच हजार रुपये की हुई थी लूट

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कुशीनगर : तरयासुजान क्षेत्र में ग्राहक सेवा केंद्र संचालक पर हमला कर बदमाशों ने सिर्फ पांच हजार रुपये लूटे थे। जबकि केंद्र संचालक ने 7.05 लाख रुपये की लूट होने की सूचना दी थी। लूटकांड को अंजाम देने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाला यह तथ्य सामने आया। केंद्र सचालक व उनके स्टाफ ने अपनी गलती स्वीकार ली है। संचालक के घर से सात लाख रुपये बरामद कर लिए गए। संचालक व उनके स्टाफ के विरुद्ध भी गलत सूचना देने का मुकदमा पंजीकृत कर बदमाशों संग इन्हें भी जेल भेजा जा रहा है। एसपी धवल जायसवाल ने लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए पत्रकारों को बताया कि मठिया श्रीराम के रहने वाले विनोद तिवारी गोपालपुर में ग्राहक सेवा केंद्र चलाते हैं। तमकुीराज में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा में उनका चालू खाता है। 20 जून को अपने स्टाफ अरविंद पटेल निवासी दनियाड़ी के साथ वह बैंक गए। 7.05 लाख रुपये निकाल दोनों बाइक से केंद्र के लिए चले। बीच रास्ते में घर के सामने रुककर विनोद ने सात लाख रुपये घर रख दिए और पांच हजार रुपये लेकर केंद्र जा रहे थे। गोपालपुर के पास देर शाम बाइक सवार तीन बदमाशों ने ओवरटेक कर विनोद को रोका, बदमाश पीछे बैठे अरविंद पटेल पर चाकू से हमला कर उनके हाथ से झोला छीनकर बिहार की तरफ फरार हो गए। मौके पर पुलिस ने पूछताछ की तो संचालक ने बताया कि बदमाश 7.05 लाख रुपये लूटे हैं। सीसीटीवी कैमरों की मदद से लूटकांड में प्रयुक्त वाहन तथा बदमाशों की पहचान कर तरयासुजान पुलिस, स्वाट तथा सर्विलांस टीम बदमाशों की तलाश में थी। सोमवार रात बदमाशों का लोकेशन मुकुंदपुर के पास होने पर टीम ने वहां से बाइक सवार तीन युवकों को दबोच लिया। तीनों की पहचान प्रकाश कुमार सिंह, पंकज सिंह व अखिलेश कुमार सिंह निवासी अहिरौलीदान थाना तरयासुजान के रूप में हुई। तीनों ने लूट की घटना को अंजाम देने का अपराध स्वीकार कर लिया। पत्रकार वार्ता के दौरान एएसपी रितेश कुमार सिंह, सीओ तमकुहीराज जितेंद्र सिंह कालरा भी मौजूद रहे। टीम में निरीक्षक कपिलदेव चौधरी, राजप्रकाश सिंह, अमित शर्मा आदि शामिल रहे। बदमाशों के बयान को परखा तो सामने आया सच एसपी ने बताया कि बदमाशों ने बैग में सिर्फ पांच हजार रुपये होने की बात बताई। पुलिस को शक हुआ कि बदमाश झूठ बोल रहे हैं। सख्ती बरतने पर भी बदमाश अपनी बात पर डटे रहे। सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने जब संचालक विनोद तिवारी व स्टाफ अरविंद पटेल से अलग-अगल पूछताछ की तो उनके सच्चाई सामने आ गई। पहले की रेकी, फिर दिया घटना को अंजाम घटना से पूर्व संचालक व उनके स्टाफ की बदमाशों ने रेकी की थी। जिस दिन घटना को अंजाम दिया गया उससे तीन दिन पूर्व से बदमाश संचालक व उनके स्टाफ के बैंक जाने-आने तथा समय व रूट आदि जानकारी कर रहे थे।


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