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Kappa COVID Variant ALERT!: कप्पा वैरिएंट ने दूसरी लहर में दे दी थी दस्तक, जांच में हुई पुष्टि

Kappa COVID Variant ALERT! इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी में भेजे गए नमूनों में एक नमूना संत कबीर नगर के 65 वर्षीय व्यक्ति का भी था जिसमें कप्पा की पुष्टि हुई है उनकी मौत हो चुकी है। बीआरडी मेडिकल कालेज ने इसकी सूचना सीएमओ को भेज दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 10:07 PM (IST)
Kappa COVID Variant ALERT!: कप्पा वैरिएंट ने दूसरी लहर में दे दी थी दस्तक, जांच में हुई पुष्टि
कोरोना की दूसरी लहर में गोरखपुर में डेल्टा ही नहीं कप्पा वैरिएंट भी मौजूद था। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Kappa COVID Variant ALERT!: कोरोना संक्रमण काल में एक संक्रमित की जान कोरोना के कप्पा वैरिएंट ने भी ली थी। इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में भेजे गए नमूनों में एक नमूना संत कबीर नगर के 65 वर्षीय व्यक्ति का भी था, जिसमें कप्पा की पुष्टि हुई है। उनकी मौत हो चुकी है। बीआरडी मेडिकल कालेज ने इसकी सूचना वहां के सीएमओ को भेज दी है। कप्पा वैरिएंट के मरीज मिलने की सूचना के बाद प्रशासन ने इससे बचाव की तैयारी शुरू कर दी है।

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मरीज की ट्रैवेल हिस्ट्री व उसके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी, ताकि इस वैरिएंट के प्रभाव की रोकथाम की जा सके।  

27 लोगों के नमूनों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि

संत कबीर नगर के उत्तरपट्टी निवासी इस मरीज की रिपोर्ट 13 जून को पाजिटिव आई थी, उसी दिन उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया था। जून में ही उनकी मृत्यु हो गई थी। जिन लोगों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, उसमें भी एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। जिन 27 लोगों के नमूनों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उनकी तलाश की जा रही है। अस्पताल से सूची मिलाने के बाद पता चल पाएगा कि उनमें कितने लोगों को करोना को मात दी थी।

डेल्टा का ही बदला स्वरूप है कप्पा वैरिएंट

डा. अमरेश सिंह ने बताया कि कप्पा वैरिएंट बी.1.617 वंश के म्यूटेशन से ही पैदा हुआ है, जो डेल्टा वैरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। बी.1.617 के एक दर्जन से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं, जिनमें से दो खास हैं- ई 484 क्यू और एल 452 आर। इसलिए इस वैरिएंट को डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है। जैसे-जैसे यह विकसित होता गया बी.1.617 की नई वंशावली तैयार होगी। बी.1.617.2 को डेल्टा वैरिएंट के नाम से जाना जा रहा है। भारत में दूसरी लहर के लिए इसे ही जिम्मेदार माना जा रहा है। इसके अन्य वंश बी.1.617.1 को कप्पा कहा जाता है।

कप्पा वैरिएंट भी यहां पहली बार मिला है। यह डेल्टा का ही बदला हुआ स्वरूप है। यह भी डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक है। इसे भारत में वैरिएंट आफ कंर्सन घोषित किया गया है। डेल्टा प्लस या कप्पा के मरीजों के फीसद के बारे में कुछ कहना मुश्किल है। अभी अन्य नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। - डा. अमरेश सिंह, अध्यक्ष, माइक्रोबायोलाजी विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज।

डेल्टा प्लस से कम और डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है कप्पा

हर में गोरखपुर में तबाही मचाने वाले कोरोना के मुख्य रूप से तीन वैरिएंट थे- डेल्टा, डेल्टा प्लस व कप्पा। इसकी पुष्टि दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग से हुई है। वहां बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। तीनों वैरिएंट एक ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक खतरनाक तीनों हैं लेकिन सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा प्लस है। कप्पा वैरिएंट डेल्टा प्लस से कम और डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है।

आइजीआइबी, दिल्ली में जीनोम सिक्वेंसिंग से हुई पुष्टि

बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अमरेश सिंह का कहना है कि भारत में अक्टूबर 2020 में बी.1.617 नाम का एक वैरिएंट मिला। जिसे इंडियन वैरिएंट कहा जाने लगा। भारत की आपत्ति के बाद अप्रैल 2021 में इसे डेल्टा नाम दिया गया। इस वैरिएंट के दो प्रकार हैं। बी.1.617.1 को कप्पा और बी.1.617.2 को डेल्टा कहा जाता है। बी.1.617.2 में एक और म्यूटेशन हुआ, जिसे डेल्टा प्लस (बी.1.617.2 के 417 एन) कहा गया। सबसे ज्यादा खतरनाक इसी को माना जाता है।

डा. अमरेश सिंह ने बताया कि कप्पा में संक्रमित करने की क्षमता ज्यादा होती है और इसकी वजह से मृत्यु भी ज्यादा देखने को मिली है। अभी तक यह 30 देशों में मिल चुका है। डब्लूएचओ ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न कहा है, जिसका मतलब हुआ कि इसके बारे में सोचना और सतर्कता बरतनी जरूरी है। गोरखपुर से आइजीआइबी में 61 नमूने भेजे गए थे, उसमें से 30 की रिपोर्ट आ गई है। दो में डेल्टा प्लस, एक में कप्पा व 27 में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो, उसे कम नहीं आंकना चाहिए। शुरुआत में हमें पता नहीं चलता कि किस व्यक्ति में कौन सा वैरिएंट है। क्योंकि यहां केवल कोरोना की जांच होती है। इसलिए हर व्यक्ति को पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।


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