गोरखपुर में सीवर लाइन के लिए खोदी गई सड़क, पानी निकलने के बाद ठीकेदार फरार Gorakhpur News
जल निगम ने सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क की खोदाई की थी। सड़क की खोदाई में ज्यादा पानी आने के बाद जल निगम ने काम जस का तस छोड़ दिया। इसके बाद से ही जलभराव बना हुआ है।
गोरखपुर, जेएनएन। पानी निकलने के बाद जल निगम के ठीकेदार ने सीवर लाइन बिछाने का काम रोक दिया। इतना तक तो ठीक था लेकिन ठीकेदार सड़क को ठीक किए बिना ही चला गया। इस कारण महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक के महटोलिया शिवपुर महेरवा की बारी रोड पर चलना दूभर हो गया है। एक महीने से भी ज्यादा समय से जलभराव के कारण दुकानें तो खुल रही हैं लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं। ऐसे में व्यापार ठप हो गया है। कीचड़ भरी सड़क पर रोजाना राहगीर गिर रहे हैं।
जल निगम ने सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क की खोदाई की थी। सड़क की खोदाई में ज्यादा पानी आने के बाद जल निगम ने काम जस का तस छोड़ दिया। इसके बाद से ही जलभराव बना हुआ है।
जल निगम के परियोजना प्रबंधक रतनसेन सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही सड़क ठीक कराई जाएगी।
जिनका घर उनकी मजबूरी
सड़क किनारे जिनका मकान है उनकी इसी रास्ते से गुजरना मजबूरी है। लेकिन दूसरी कालोनियों और गांवों में पहुंचने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करने वाले नागरिक लंबी दूरी तय कर दूसरे रास्तों से गुजर रहे हैं। कई नागरिकों को अपना दोपहिया व चार पहिया वाहन दूसरों के घरों में खड़ा करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं मोहल्ले के लोग
अंजली शर्मा का कहना है कि सड़क पर मेरी दुकान है और वहीं पर मकान भी है। एक महीने से सड़क पर पानी भरा है। सीवर की खोदाई की गई तो पानी निकलने लगा। इसके बाद सड़क को वैसे ही छोड़ दिया गया। अब व्यापार भी चौपट हो गया है। बबिता गुप्ता का कहना है कि एक महीने से नारकीय स्थिति में जी रहे हैं। सड़क पर जलभराव के कारण अपने घर तक पहुंचने में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार तो पूरी तरह प्रभावित हो ही चुका है। हरिश्चंद्र पांडेय का कहना है कि कई बार स्थानीय पार्षद से शिकायत की जा चुकी है लेकिन वह कहते हैं हम क्या करें, विभाग जाने। कोई सुनने वाला नहीं है। अफसरों को जल्द नागरिकों की समस्या दूर करने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं नीरज कुमार पांडेय का कहना है कि पानी निकलने के बाद विभाग के लोग सड़क को उसी हाल में छोड़ कर चले गए। लोग परेशान हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। कई गाडिय़ां फंस चुकी हैं। रोजाना कई लोग सड़क पर गिरकर घायल होते हैं।