अजब-गजब : मौके पर मकान न मीटर, बिल आया 8065 यूनिट Gorakhpur News
गोरखपुर में बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर गए बिना मनमाने तरीके से बिजली का बिल भेज रहे हैं। इससे उपभोक्ता परेशान हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। केस एक : सूरजकुंड निवासी शिवसागर के घर बिजली का उपभोग दिखाते हुए मीटर रीडर ने 8065 यूनिट रीडिंग दर्ज कर बिल बना दिया। उपभोक्ता की शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि जिस घर का बिल बना है, वह काफी पहले गिर चुका है और कोई मीटर है ही नहीं।
केस दो : तिवारीपुर निवासी प्रद्युम्न प्रसाद गौड़ के घर की रीडिंग 27062 बनाई गई। बिल मिला तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि अपने कनेक्शन का वह स्थाई विच्छेदन (परमानेंट डिस्कनेक्शन) करा चुके थे। शिकायत पर निगम ने जांच कराई तो उपभोक्ता की बात सही निकली। मौके पर मीटर भी नहीं था।
केस तीन : सूरजकुंड निवासी रामराज के घर की रीडिंग 7299 दिखाई गई। जांच में पता चला कि यहां मीटर नो डिस्प्ले है यानी उसमें कुछ नहीं दिखता। ऐसे में रीडिंग लेना संभव ही नहीं।
यह तीन उदाहरण बताते हैं कि बिजली उपभोक्ता बिलिंग कंपनी की मनमानी से कितने परेशान हैं। घर मे बैठकर ही कर्मचारी रीडिंग दे रहे हैं और उपभोक्ताओं को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। हाल ही में नगरीय विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय में कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि मीटर रीडर उपभोक्ता के घर नहीं जा रहे। करीब 10 उदाहरण देते हुए अधिशासी अभियंता ने बिलिंग कंपनी को कड़ा पत्र लिखकर कार्य प्रणाली में सुधार लाने को कहा है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा।
मौके पर गए बिना ही मीटर रीडिंग तैयार कर ले रहे बिलिंग कंपनी के मीटर रीडर
बिलिंग कंपनी के कर्मचारी बिना मौके पर गए बिल बना दे रहे हैं। कनेक्शन वर्तमान में चल रहा है या नहीं, उन्हें इससे भी कोई मतलब नहीं है। एक-एक कर जब इन कर्मचारियों की शिकायत बड़े पैमाने पर अधिकारियों तक पहुंची तो जांच कराई गई। मीटर न देखने का नतीजा यह हुआ कि जिनके घर अधिक उपभोग हो रहा है, उनका कम बिल बन रहा और जिनके घर कम उपभोग हो रहा, उनका बिल अधिक बन रहा है।
बिलिंग कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी की शिकायत काफी दिनों से आ रही थी। कई मामलों की जांच कराई गई तो शिकायत सही निकली। कंपनी को नोटिस जारी की गई है। सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी। - यदुनाथ राम, अधिशासी अभियंता, बक्शीपुर।