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सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज की जांच करने पहुंची एनएमसी की टीम, देखी विभागों की हकीकत

सिद्धार्थनगर में राजकीय मेडिकल कालेज को अब मान्यता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की छह सदस्यीय टीम मेडिकल कालेज पहुंची। यहां पर ब्लड बैंक ओपीडी पैथालाजी बायोकेमिस्ट्री आदि विभागों की गहनता से पड़ताल की।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 04:44 PM (IST)
सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज की जांच करने पहुंची एनएमसी की टीम, देखी विभागों की हकीकत
सिद्धार्थनगर मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए पहुंची नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर में राजकीय मेडिकल कालेज को अब मान्यता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की छह सदस्यीय टीम मेडिकल कालेज पहुंची। मान्यता से जुड़े मानकों की जांच की। तीन-तीन सदस्यों की टीम अलग-अलग बंटकर पूरा मेडिकल कालेज का चप्पा-चप्पा देखा। ब्लड बैंक, ओपीडी, पैथालाजी, बायोकेमिस्ट्री आदि विभागों की गहनता से पड़ताल की। प्राचार्य डा. सलिल कुमार श्रीवास्तव, सीएमएस डा. नीना वर्मा सदस्यों को एक-एक बातों की जानकारी देते रहे।

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80 फीसद तक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है मेडिकल कालेज भवन का

मेडिकल कालेज भवन निर्माण का कार्य 80 फीसद तक पूरा हो चुका है। शेष कार्य को जल्द पूरा करने के लिए रात-दिन कार्य चल रहा है पर अभी तक मेडिकल कालेज की मान्यता नहीं मिल पाई थी, जबकि प्राचार्य की तैनाती हो चुकी है। मान्यता के लिए मेडिकल कालेज के प्राचार्य मानक को पूरा कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। मान्यता के लिए मानक को पूरा करने के लिए रात-दिन प्रयास किए गए। 10 विभागाें में चिकित्सकों की नियुक्ति हो चुकी है। वहीं 15 रेजीडेंट चिकित्सक भी कार्यभार संभाल चुके हैं। मान्यता की कार्रवाई पूरी होने पर यहां मेडिकल छात्रों की पढा़ई शुरू हो जाएगी।

दो माह में पूरा हो जाएगा अधूरा कार्य

ओपीडी संचालन के लिए भवन बनकर तैयार है। छात्र- छात्राओं के हास्टल का निर्माण कार्य करीब 80 फीसद पूरा हो चुका है। ओपीडी की संख्या बढ़ाने के लिए कक्ष बनकर तैया है। इसे साज- सज्जा से लैस किया जा रहा है। चिकित्सकों के रहने, महिला हास्टल आदि का कार्य अंतिम चरण में है।

यह है मानक

मेडिकल कालेज के लिए 430 बेड का अस्पताल संचालित होना जरूरी है। क्लीनिकल, स्पेशियालिटी अस्पताल, मरीजों की संख्या के आधार पर अनुपातिक बेड का होना, बुनियादी ढ़ाचा, शिक्षक व अन्य मानव संसाधन का होना जरूरी है। वर्तमान में 180 बेड का संचालन हो रहा है। जबकि 100 बेड का एमसीएच विंग बनकर तैयार है।

मान्यता के लिए यह होना है जरूरी

स्ट्रक्चर- काम चल रहा है।

मैन पावर- आउटसोर्सिंग से तैनाती का प्रयास जारी।

फैकल्टी

मान्यता के लिए मानक और मौजूद सुविधाएं

इंफ्रा 20 विभागों में तैनाती हाे चुकी है।

इक्यूपमेंट- आनलाइन टेंडर किया गया है।

लैब- फर्नीचर की कमी बरकरार।

लाइब्रेरी- रैक बनकर तैयार, पुस्तक खरीद नहीं हो पाई है।

एक्जामिनेशन हाल- कार्य अपूर्ण।

ओपीडी- चल रही है।

आइपीडी- मरीज भर्ती हो रहे हैं।

पैथालाजी- मरीजों की जांच हो रही है।

माइनर व मेजर सर्जरी- सर्जरी चल रही है।

रेडियोलाजी- जांच की जा रही है।

ब्लड बैंक- क्रियाशील।

प्रसव आदि की व्यवस्था- सामान्य प्रसव व साधारण आपरेशन चल रहा है।

मेडिकल कालेज की जांच में जुटी है एनएमसी की टीम

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एनएमसी की टीम मेडिकल कालेज की जांच में जुटी है। मान्यता के लिए जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली गई थीं। उम्मीद है कि टीम की रिपोर्ट के बाद मान्यता मिल जाएगी।


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